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Written By एन. पांडेय
Last Updated : सोमवार, 2 जनवरी 2023 (18:55 IST)

landslide in joshimath : जोशीमठ में भूधंसाव से लोग परेशान, सीएम धामी ने दिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश

landslide in joshimath : जोशीमठ में भूधंसाव से लोग परेशान, सीएम  धामी ने दिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश - People upset due to landslide in Joshimath
चमोली। मौसम का रुख बदलते ही आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य की तपस्थली धार्मिक एवं पर्यटन नगरी जोशीमठ के लोगों की चिंताएं बढती जा रही हैं। लोगों की आशंका है कि बर्फबारी व बारिश का पानी फटती भूमि व दरकते मकानों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। मौसम के करवट बदलने के जैसे ही संकेत मिलते हैं तो भूधंसाव प्रभावितों में दहशत व्याप्त हो जाती है।
 
विभिन्न एजेंसियों के भू-सर्वेक्षणों एवं जिलाधिकारी के स्थलीय निरीक्षण ने भी लोगों में कोई विश्वास नहीं दिला सका कि कब तक ट्रीटमेंट कार्य शुरू हो सकेगा? जोशीमठ में भूधंसाव को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी से मुलाकात व चर्चा के बाद धामी ने चमोली के जिलाधिकारी को शीघ्र ही विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने एवं प्रभावित लोगों को यथासंभव मदद करने के निर्देश दिए।
 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम से प्रभावित लोगों एवं कारोबारियों को इस घटना से हो रहे नुकसान की जानकारी साझा कर उन्हें अधिक से अधिक राहत व मदद पहुंचाने का अनुरोध किया। जोशीमठ नगर के 9 वार्डों में करीब 2,000 मकान हैं। नगर पालिका जोशीमठ के सर्वे के अनुसार भू-धंसाव से 581 मकानों में दरारें आ चुकी हैं। दरारग्रस्त मकानों में घर, दुकान और होटल समेत सभी तरह के भवन हैं। नगर की रोड और खेतों में भी दरारें पड़ चुकी हैं।
 
जोशीमठ नगर में दरकते मकानों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। प्रभावित मकानों से किराएदारों का अन्यत्र शिफ्ट होना जारी है जबकि भवन स्वामी भगवान भरोसे दरकते मकानों में ही रहने को विवश हैं। लोगों का कहना है कि वर्ष 1976 में तत्कालीन गढ़वाल कमिश्नर गढ़वाल महेश चन्द्र मिश्रा की अध्यक्षता में बनी कमेटी के सुझाए गए सुझावों पर किसी ने कान दिए होते तो आज यह स्थिति नहीं होती।
 
मिश्रा कमेटी ने जोशीमठ में अनियंत्रित बहने वाले नालों को व्यवस्थित करने, अलकनंदा के बाईं ओर भूधंसाव रोकने के लिए उचित प्रबंध करने, जोशीमठ नगर में नियंत्रित निर्माण व तय मानकों के अनुसार ही निर्माण की स्वीकृति दिए जाने तथा जोशीमठ के निचले हिस्से में ब्लास्ट को प्रतिबंधित करने समेत नदी के किनारे पत्थरों के टिपान को भी वर्जित करने का सुझाव दिया था।
 
मिश्रा कमेटी की रिपार्ट को आधार मानते हुए वर्ष 1991 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पर स्थगन आदेश दिया था। लेकिन बावजूद इसके, बाद में जोशीमठ में बड़े निर्माणों व परियोजनाओं को मंजूरी मिलती रही।
 
Edited by: Ravindra Gupta