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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : बुधवार, 20 जुलाई 2022 (00:38 IST)

मेरठ में मुख्यमंत्री योगी से प्रभावित मुस्लिम कारीगरों ने बनाई बुलडोजर कावड़

मेरठ में मुख्यमंत्री योगी से प्रभावित मुस्लिम कारीगरों ने बनाई बुलडोजर कावड़ - Muslim youth made bulldozer kawad
मेरठ। कोरोना के चलते 2 साल से कावड़ यात्रा बंद रही। लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर से भोले के भक्त कंधों पर कावड़ रखकर हरिद्वार पहुंच गए हैं। यहां से वे गंगाजल लेकर अपने गंतव्य पर पहुंच शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे। सड़कों पर रंग-बिरंगी कावड़ और भोले के भक्तों का सैलाब नजर आ रहा है।
 
ऐसे में मेरठ में भी कावड़ियों की टोली ने सर्वधर्म का परिचय देते हुए एक अनोखी कावड़ बनाई है जिसे योगीजी की बुलडोजर का रूप दिया है। खास बात यह है कि इस कावड़ को बनाने में न सिर्फ हिन्दू बल्कि मुस्लिम धर्म के युवाओं ने भी सहयोग दिया है। 
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री इस कावड़ यात्रा को ऐतिहासिक बना देना चाहते हैं इसलिए उन्होंने सभी जिलों में कावड़ को धूमधाम से संचालित कराने के निर्देश दिए हैं।
 
योगी सरकार अपराधियों का सफाया करने में जुटी हुई है, वहीं भू-माफिया, गैंगस्टर की संपत्तियों को कुर्क और ध्वस्तीकरण कर रही है। बाबा योगी का बुलडोजर पूरे प्रदेश में अपनी धाक जमाए हुए है। अपराधी बुलडोजर के डर से बिलों में छुपे नजर आ रहे हैं। 
 
 
मेरठ थाना सदर बाजार क्षेत्र के रहने वाले गौरव कई सालों से अपने साथियों के साथ कावड़ बनाकर उत्तराखंड के हरिद्वार गंगाजल लेकर आते हैं और औघड़नाथ मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। बीते 2 सालों में कोरोना महामारी के चलते कावड़ यात्रा पर रोक लगी हुई थी लेकिन इस बार उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कावड़ यात्रा को हरी झंडी दिखा दी है।
 
गौरव व अन्य शिवभक्तों ने योगीजी की कार्यशैली से प्रभावित होकर बुलडोजर वाली कावड़ बनाई है, क्योंकि बुलडोजर ट्रेंडिंग में है और अपराधियों में इसका खौफ है। इस कावड़ को बनाने में मुस्लिम लोगों ने भी सहयोग दिया है। 
 
बुलडोजर वाली कावड़ को बनाने में पिछले 10 दिन से 8 लोग दिन-रात एक किए हुए हैं। इस कावड़ को बनाने में लगभग 80 हजार रुपए का खर्च आया है और इसका वजन लगभग 1 क्विंटल है।
 
मेरठ कबाड़ी बाजार में बन रही इस कावड़ में आसपास के मुस्लिम युवक भी भरपूर सहयोग दे रहे हैं। इन मुस्लिम युवकों का कहना है कि 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना...।' भले ही धर्म और जाति अलग हैं, आपसी भाईचारे के चलते हम सभी ईद-दीपावली मिल-जुलकर एकसाथ मनाते हैं।
 
आपसी सौहार्द की मिसाल पेश करने वाले इन सभी दोस्तों से सबक लेने की जरूरत है कि धर्म से ऊपर उठकर भाईचारे की मिसाल पेश की जाए, देश को तरक्की की राह पर आगे बढ़ाया जाए। फिलहाल बुलडोजर वाली कावड़ मेरठ से हरिद्वार गंगाजल लेने के लिए निकल गई है। जल लेकर यह जिस मार्ग से यह गुजरेगी वह आकर्षण का केंद्र बन जाएगा।
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