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Written By एन. पांडेय
Last Modified: रविवार, 10 अक्टूबर 2021 (22:13 IST)

अपने बच्चों को अपने धर्म और पूजा के प्रति आदर भाव रखना सिखाएं : मोहन भागवत

अपने बच्चों को अपने धर्म और पूजा के प्रति आदर भाव रखना सिखाएं : मोहन भागवत - mohan bhagwat said teach your children to have respect for their religion and worship
हल्द्वानी। भारतीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परिवार प्रबोधन कार्यक्रम में संघ परिवार के ढाई हजार लोग शामिल हुए। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में सभी को ऊंच-नीच, जात-पात से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है। जिस तरह से पूरा भारत एक कुटुंब है। समाज कुटुंब के आधार पर चलता है। सभी एक-दूसरे की निर्भरता को मानकर चलेंगे तो समाज ठीक से चलेगा।

उसी तरह से हम सभी लोग इस भारत माता के परिवार हैं। हमें पूरी तरह से मानवता के साथ रहना है। मोहन भागवत ने कहा कि परिवार में अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें, जिससे कि हमारे बच्चे हमारे पुराने संस्कारों को जीवित रख सके।

पूरा परिवार सप्ताह में 1 दिन बैठकर एक साथ भजन-कीर्तन भी करें और सामूहिक घर का बना हुआ भोजन भी करें। मोहन भागवत ने कहा कि पूरे भारत में 800 प्रकार के अलग-अलग तरीकों के भोजन तैयार होते हैं। बहुत से ऐसे भोजन हैं जो न्यूट्रिशन से भरे हैं।

उत्तराखंड में भी कई प्रकार के भोजन हैं, जो काफी स्वादिष्ट हैं। लोगों को बाहर भोजन करने से बचने की जरूरत है और परिवार के साथ घर में बैठकर भोजन करें। उन्होंने कहा कि आप जितना देशाटन करेंगे, उतना ही आपको ज्ञान मिलेगा। विदेश भी घूमें, लेकिन अपने भारत की तीर्थ स्थल धार्मिक स्थल का भी देशाटन करें, जिससे कि उनकी भी जानकारी प्राप्त हो। जिस दिन समाज ऐसा बनेगा तब राष्ट्र बनेगा और जिस दिन राष्ट्र बनेगा तो पूरा विश्व बनेगा और भारत विश्व गुरु भी बनेगा।
 
संघ प्रमुख ने नशे के फैलते जा रहे जाल पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी नशे से बर्बाद हो रही है। नैनीताल और देहरादून जिले में नशे का प्रकोप फैल चुका है। इसको खत्म करने के लिए हम सभी को मिलकर जनजागरण अभियान चलाने की जरूरत है, जिससे कि नशा पूरी तरह से बंद हो।
 
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गंगा में मूर्ति विसर्जन अपराध : हरिद्वार गंगा में मूर्तियों का विसर्जन करना अब अपराध की श्रेणी में आएगा। एनजीटी के आदेश पर नगर निगम ने यह फैसला लिया है। गंगा में मूर्ति विसर्जन करने पर 50 हजार रुपये का पर्यावरण शुल्क लगाने के साथ ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एनजीटी ने पर्यावरण की दृष्टि से गंगा समेत अन्य नदियों में मूर्ति विसर्जन आदि पर रोक लगाई है। 
 
डीएम के आदेश पर नगर निगम ने मूर्ति विसर्जन के लिए गंगा तट पर 3 स्थान चिह्नित कर कुंड तैयार किए हैं। अब इन्हीं कुंडों में मूर्तियों का विसर्जन करना होगा। गणेश चतुर्थी के अलावा नव दुर्गा महोत्सव के मौके पर गंगा में बड़े पैमाने पर मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। 
 
नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती के मुताबिक बैरागी कैंप और कनखल के साथ वीआईपी घाट के समीप मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की गई है। इन स्थानों के अलावा अन्य जगहों पर विसर्जन नहीं कर पाएंगे। अगर कोई व्यक्ति इन स्थानों को छोड़कर गंगा में मूर्ति विसर्जित करता हुआ मिला तो उसके खिलाफ नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के आदेश के तहत कार्रवाई करते हुए 50,000 रुपए का पर्यावरण शुल्क लगाया जाएगा। साथ ही वैधानिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। 
 
हरिद्वार नगर निगम के आयुक्त दयानंद सरस्वती के अनुसार मूर्ति विसर्जन के लिए स्थान चिह्नित करवा दिए गए हैं। चिन्हित स्थानों के अलावा अन्य स्थानों पर विसर्जन करने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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