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Last Updated :छत्रपति संभाजीनगर , शुक्रवार, 3 नवंबर 2023 (00:56 IST)

Maratha Reservation : मनोज जरांगे को मंत्रियों ने मनाया, खत्म किया अनशन, सरकार को 2 महीने की मोहलत

maratha reservation
Maratha Reservation : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने गुरुवार को मंत्रियों से मुलाकात के बाद अपना अनशन समाप्त कर दिया और सरकार से 2 महीने के भीतर मुद्दा सुलझाने को कहा। साथ ही जरांगे ने कहा कि जब तक सभी मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, वे तब तक अपने घर में प्रवेश नहीं करेंगे। इससे पहले एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान जरांगे ने मांग की कि मराठों को आरक्षण पूरे महाराष्ट्र में दिया जाना चाहिए।
कौन-कौन था : हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों संदीप शिंदे, न्यायमूर्ति एमजी गायकवाड़ और अधिकारियों सहित अन्य लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जरांगे से उनके गांव में मुलाकात की थी। सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन करने वाले विधायक बच्चू कडू भी इस मौके पर मौजूद थे।
 
जरांगे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से जालना जिले के अपने गांव अंतरवाली सरती में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
 
जरांगे ने बुधवार शाम को कहा था कि वह अब से पानी भी नहीं पीएंगे, हालांकि इससे पहले दिन में एक सर्वदलीय बैठक में आरक्षण की मांग का समर्थन करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया था और उनसे अनशन समाप्त करने की अपील की गई थी।
 
प्रतिनिधिमंडल के साथ गुरुवार को मीडिया के सामने हुई चर्चा के दौरान जरांगे ने मांग की कि सरकार को मराठा समुदाय के आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के सर्वेक्षण के लिए पर्याप्त धन मुहैया कराना चाहिए और इसके लिए कई टीम लगानी चाहिए।
 
उन्होंने मांग की कि मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने वाला एक सरकारी आदेश पारित किया जाना चाहिए और 'पूरे' (महाराष्ट्र) शब्द को शामिल किया जाना चाहिए।
 
सरकार ने मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है, जो उन्हें या उनके पूर्वजों को कुनबी बताने वाले पुराने रिकॉर्ड पेश कर सकते हैं।
कुनबी, एक कृषक समुदाय है जिसे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण मिलता है। जरांगे ने सवाल किया कि जब अन्य जातियों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है तो मराठों को क्यों नहीं मिल रहा?
 
प्रतिनिधि मंडल ने समझाया : प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने उनसे कहा कि आरक्षण 'एक या दो दिन में' नहीं दिया जा सकता, लेकिन मराठा समुदाय को यह जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि समुदाय का पिछड़ापन अभी तक स्थापित नहीं हुआ है और उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार साक्ष्य इकट्ठा करने का काम चल रहा है।
 
प्रतिनिधिमंडल ने जरांगे को बताया कि जल्दबाजी में लिया गया निर्णय न्यायिक पड़ताल में टिक नहीं पाएगा और समुदाय के पिछड़ेपन को मापने के लिए एक नया आयोग बनाया जा रहा है।

राकांपा विधायक सोलंकी बोले- मेरे घर पर हमला पूर्व नियोजित था : महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार गुट के विधायक प्रकाश सोलंकी ने गुरुवार को दावा किया कि मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान बीड जिले में उनके आवास पर हुई आगजनी एक पूर्व नियोजित हमला था और उन्हें नुकसान पहुंचाने के मकसद से ऐसा किया गया था। उन्होंने कहा कि यह हमला शरारती तत्वों और अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों ने किया था।
 
सोलंकी के आवास पर सोमवार को मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कथित रूप से प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और तोड़फोड़ की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि हमले के लिए अभी तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें से आठ गैर-मराठी हैं। विधायक ने दावा किया कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
 
आगजनी और तोड़फोड़ का विवरण देते हुए सोलंकी ने कहा, 200 से 250 लोग अपने थैलों में पत्थर, पेट्रोल बम और हथियार लेकर पूरी तैयारी के साथ आए थे। यह एक सुनियोजित हमला था और हमलावर उन्हें नुकसान पहुंचाने के मकसद से आए थे। लेकिन हमलावर मेरे घर के उस स्थान तक नहीं पहुं‍च सके, जहां मैं बैठा हुआ था। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण की मांग करने वाले कुछ प्रदर्शनकारियों ने हमलावरों को रोकने का प्रयास किया।
 
सोलंकी ने कहा, इन हमलावरों को रोकने वाले प्रदर्शनकारी ही थे। इन 200 से 250 हमलावरों में शरारती तत्व और अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोग शामिल थे। यह सब सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है। मैंने सीसीटीवी फुटेज पुलिस को सौंप दी है। अभी तक पुलिस ने इस मामले में 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन 21 में से आठ गैर मराठा समुदाय से हैं। (एजेंसियां)