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Last Modified: बेंगलुरु , गुरुवार, 14 नवंबर 2024 (21:34 IST)

COVID Scam : कोविड घोटाले की जांच करेगी SIT, कर्नाटक सरकार की कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला

COVID Scam :  कोविड घोटाले की जांच करेगी SIT, कर्नाटक सरकार की कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला - Karnataka govt to form SIT to probe irregularities in Covid-19 management
कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान उपकरणों और दवाइयों की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए गुरुवार को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का फैसला किया। न्यायमूर्ति जॉन माइकल डी'कुन्हा आयोग द्वारा प्रस्तुत अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में हुईं इन कथित अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए गए हैं।
 
कर्नाटक के विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘न्यायमूर्ति जॉन माइकल डी'कुन्हा द्वारा प्रस्तुत अंतरिम रिपोर्ट की जांच के बाद, राज्य मंत्रिमंडल ने आगे की जांच करने तथा कार्रवाई करने के लिए एक एसआईटी गठित करने का निर्णय लिया है।’’
 
मंत्री ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक स्तर का एक अधिकारी एसआईटी का नेतृत्व करेगा। अंतिम रिपोर्ट जमा होने के बाद उसे भी जांच के लिए एसआईटी को भेज दिया जाएगा।
 
पाटिल के अनुसार, एसआईटी केवल अनियमितताओं की जांच करेगी, धन की वसूली नहीं। पाटिल ने कहा कि इस एसआईटी द्वारा वसूली के पहलू पर विचार नहीं किया जाएगा। वसूली के संबंध में समिति अपनी संस्तुति दे सकती है। वसूली राजस्व विभाग की एक अलग एजेंसी द्वारा की जा सकती है क्योंकि यह राजस्व बकाया की वसूली की तरह होगी।
मंत्री ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में वसूली के पहलू पर विस्तार से चर्चा नहीं की गई। उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 प्रबंधन के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
 
कर्नाटक में कोविड-19 महामारी के दौरान खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति डी'कुन्हा की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। आयोग ने एक सितंबर को अंतरिम रिपोर्ट पेश की।
 
आयोग ने कथित भ्रष्टाचार के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामलु पर मुकदमा चलाने की सिफारिश की थी।
 
पाटिल ने बताया कि उप-समिति ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंप दी। उन्होंने कहा कि इसकी सिफारिश के आधार पर कैबिनेट ने एसआईटी गठित करने का फैसला किया। मंत्री ने आरोप लगाया कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने सबसे अमानवीय तरीके से व्यवहार किया, जबकि उसे लोगों को कोविड-19 महामारी से बचाना था।
 
उन्होंने कहा कि गैरजिम्मेदार भाजपा सरकार भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और सूचना तथा दस्तावेज छिपाने में लिप्त रही है। इसने लोक लेखा समिति के काम को रोकने की भी कोशिश की ताकि वह दस्तावेजों और फाइलों का निरीक्षण न कर सके।’’
 
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि आपको मालूम है कि किस तरह का भ्रष्टाचार हुआ है। कर्नाटक और मुंबई में जो पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट 330 रुपए प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध थी, उसे लाखों की संख्या में विदेशों से 2,117 रुपए प्रति किट के हिसाब से आयात किया गया। उन्होंने काली सूची वाली कंपनियों से पुरानी दवाइयां मौजूदा दर से दोगुनी से तिगुनी कीमत पर खरीदीं।   (भाषा)