करनाल में किसानों के प्रदर्शन खत्म, लाठीचार्ज की न्यायिक जांच, मृतक के 2 परिजनों को सरकारी नौकरी
करनाल। हरियाणा के करनाल में शनिवार को किसानों और प्रशासन के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनने के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।
प्रशासन और किसान नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की गई। यह जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस करेंगे। मृत किसान के 2 परिजनों को 1 हफ्ते में सरकारी नौकरी भी देने का ऐलान किया।
इस बीच, लाठीचार्ज के बाद विवादों में आए एसडीएम आयुष सिन्हा को छुट्टी पर भेज दिया गया है। चढूनी ने किसानों के बीच आकर चल रहे धरने को समाप्त करने की घोषणा की। साथ ही चढूनी ने किसानों से अब दिल्ली के टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर कूच करने को कहा। उन्होंने किसानों को मानी गई मांगों के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी।
दोनों पक्षों यानी प्रशासन और किसानों के बीच समझौता शुक्रवार देर रात ही हो गया था। समझौता होने के बाद शनिवार सुबह होने वाली मीटिंग भी रद्द हो गई थी। इसके बाद किसानों ने धरना भी समाप्त कर दिया साथ ही कई दिनों से चला आ रहा गतिरोध भी समाप्त हो गया।
किसानों के एक समूह पर पिछले महीने पुलिस को लाठीचार्ज करने का आदेश देने वाले आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान पिछले 3 दिनों से जिला मुख्यालयों के द्वार के बाहर डटे हुए थे।
सिन्हा को एक टेप में पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि अगर प्रदर्शनकारी सुरक्षा तोड़ते हैं तो उनका सिर फोड़ देना।
भारतीय जनता पार्टी की एक बैठक स्थल की ओर मार्च करने की कोशिश के दौरान पुलिस के साथ झड़प में करीब 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। उनके नेताओं ने यह भी दावा किया कि एक किसान की बाद में मौत हो गई।