ठाणे। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत द्रविड़ों और आदिवासियों का है न कि उनका या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का, न राकांपा अध्यक्ष शरद पवार का या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए जानना चाहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख पवार ने शिवसेना सांसद संजय राउत के लिए क्यों प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाई और राज्य में राकांपा के मंत्री नवाब मलिक के लिए क्यों नहीं पैरवी की जिन्हें मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
भाजपा, शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए ओवैसी ने दावा किया कि ये पार्टिंया अपना वोट बैंक बचाना चाहती हैं, इसलिए जब अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को निशाना बनाया जाता है तो ये प्रतिक्रिया नहीं करते।
उन्होंने मंहगाई और अन्य मुद्दों का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री देश पर अपने सफल शासन का जश्न मना रहे हैं, लेकिन उन्हें एहसास नहीं है कि देश किस मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ओवैसी ने कहा कि अगर भारत किसी का है तो, वह द्रविड़ों और आदिवासियों का है।
उन्होंने कहा कि वे (अन्य पार्टियां) 600 साल का उदाहरण देती हैं लेकिन मैं आपको 65 हजार साल से अधिक का उदाहरण देता हूं। यह देश ठाकरे, पवार, ओवैसी, मोदी या शाह का नहीं था बल्कि द्रविड और आदिवासियों का था।
ओवैसी ने दावा किया कि अगर कोई मुख्यमंत्री ठाकरे, पवार, मोदी या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी (आदित्यनाथ) की आलोचना करता है तो वे (संबंधित पार्टियां) तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं और कार्रवाई करते हैं, लेकिन जब हमारी आलोचना होती है या हमारे खिलाफ टिप्पणी होती है तो कोई प्रतिक्रिया नहीं देता।
ओवैसी ने मुस्लिमों, दलितों और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) सहित अन्य से अपील की कि वे समझें कि उनकी सहायता के लिए कथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियां नहीं आएंगीक्योंकि वे केवल अपने वोट बैंक को लेकर चिंतित हैं।
ओवैसी ने कहा कि किसी को भी उन्हें चुनौती नहीं देनी चाहिए या उकसाना नहीं चाहिए नहीं तो वह उन्हें आइना दिखाएंगे। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिमों को मस्जिद के साथ-साथ हिजाब पहनने और हलाल मीट जैसे मुद्दों को लेकर निशाना बनाया जा रहा है। ओवैसी ने इसके साथ ही समुदाय से इनके खिलाफ लड़ने की अपील की।
ओवैसी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस के साथ सत्तासीन राकांपा के नेता पवार ने प्रधानमंत्री मोदी से सांसद राउत के लिए गुहार लगाई। उन्होंने सवाल किया, क्यों उन्होंने (पवार ने) नवाब मलिक के लिए गुहार नहीं लगाई? राउत के बारे में खास क्या है?
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद का संदर्भ देते हुए ओवैसी ने कहा कि वे (केंद्र सरकार) अलग-अलग स्थानों की खुदाई चाहते हैं, लेकिन उन्हें वहां कुछ नहीं मिलेगा।उन्होंने कहा कि वे उसे (ज्ञानवापी मस्जिद को) बाबरी मस्जिद की तरह मिटाना चाहते हैं।
ओवैसी ने कहा कि बाबरी ढांचा विवाद में अदालत का फैसला आने के बाद उन्होंने कहा था कि अब वे (सरकार) ज्ञानवापी और लखनऊ सहित अन्य मस्जिदों की खुदाई शुरू करेंगे और उनका दावा सच हो रहा है।