रणजीत हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम दोषमुक्त, 22 साल पुराने मामले में हाई कोर्ट ने दी बड़ी राहत
Gurmit Ram Rahim : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को बड़ी राहत देते हुए उसे रणजीत हत्याकांड में दोषमुक्त करार दिया इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
उम्रकैद की सजा काट रहे राम रहीम की अपील पर मंगलवार को फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने सीबीआई की अदालत के फैसले को रद्द कर दिया। CBI की एक विशेष अदालत ने 2021 में राम रहीम और 4 अन्य को 19 साल पुराने रंजीत सिंह हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
डेरा प्रमुख के वकील जितेंद्र खुराना ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने रंजीत सिंह हत्या मामले में उनके मुवक्किल को बरी कर दिया है।
सिरसा में स्थित डेरा का प्रमुख अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह अपनी 2 शिष्याओं से दुष्कर्म के जुर्म में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है।
क्या है मामला : हरियाणा के कुरुक्षेत्र का रहने वाला रणजीत सिंह सिरसा डेरे का प्रबंधक था। एक शक की वजह से 22 साल पहले 10 जुलाई 2002 को रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक गुमनाम साध्वी ने तत्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में राम रहीम की जांच की मांग की गई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने अपनी बहन से ही साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई थी।
इस गुमनाम चिट्ठी को सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र पूरा सच में छापा। इसी वजह से 24 अक्टूबर 2002 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को गोली मार दी गई। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
Edited by : Nrapendra Gupta