शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Death toll in Uttarakhand disaster rises to 67
Written By
Last Modified: शनिवार, 23 अक्टूबर 2021 (00:33 IST)

उत्तराखंड में आपदा से मरने वालों की संख्या हुई 67, दर्जनों को सुरक्षित भी निकाला

उत्तराखंड में आपदा से मरने वालों की संख्या हुई 67, दर्जनों को सुरक्षित भी निकाला - Death toll in Uttarakhand disaster rises to 67
देहरादून। आपदा ग्रस्त उत्तराखंड में शुक्रवार को और शव बरामद होने से हाल में अतिवृष्टि से मची तबाही में मरने वालों की संख्या बढ़कर 67 हो गई जबकि बचाव दलों ने विभिन्न जगहों पर फंस गए दर्जनों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से यहां देर रात जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में आपदा में मरने वालों की संख्या 67 हो गई जबकि 24 अन्य लोग घायल हैं। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने बागेश्वर जिले के पिंडारी और काफनी ग्लेशियरों के करीब फंसे छह विदेशियों समेत 65 पर्यटकों को सुरक्षित बचाया जबकि 23 अन्य लोगों को पिथौरागढ़ की दारमा घाटी से निकाला गया।

उत्तरकाशी के हर्षिल से हिमाचल प्रदेश के चितकुल तक के रास्ते में लापता एक ट्रैकिंग दल के पांच सदस्यों के शव बरामद हुए हैं। हालांकि सरकारी आंकड़ों में उन दो अन्य शवों को नहीं जोड़ा गया है जो हिमाचल प्रदेश के बचाव दल को मिले हैं। बागेश्वर जिले में भी बारिश से पांच लोगों के मरने की आशंका है।

हाल में लगातार तीन दिन हुई बारिश से कुमाऊं क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ जहां सर्वाधिक मौतों के साथ ही करीब 200 करोड़ रुपए की संपत्ति की क्षति होने का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है। इस बीच, बागेश्वर के जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि एसडीआरएफ की टीमों ने पिंडारी और काफनी ग्लेशियरों के पास से छह विदेशियों समेत 65 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला।

उधर, बागेश्वर के सुंदरढूंगा में फंसे एक ट्रैकिंग दल के छह सदस्यों की तलाश के लिए तैयार दो चीता हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण उड़ान नहीं भर सके। कुमार ने बताया कि 10 सदस्‍यीय दल के चार सदस्य सुरक्षित लौट आए हैं। उन्होंने कहा, हमें संदेह है कि इसमें कुछ लोग हताहत भी हो सकते हैं। दल के लापता ट्रैकरों की तलाश में शनिवार सुबह हेलीकॉप्टर फिर उड़ान भरने का प्रयास करेंगे।जिलाधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, सरयू नदी के उद्गम स्थल सरमूल से लापता हुए 15 लोग भी सकुशल हैं।

पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि जिले की दारमा घाटी से भी 23 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें 21 पर्यटकों के अलावा दो बीमार स्थानीय व्यक्ति शामिल हैं। उधर, उत्तरकाशी जिले के अधिकारियों ने बताया कि चितकुल ट्रैक से लापता दल के दो सदस्य घायल अवस्था में मिले हैं जिनका उपचार हर्षिल और उत्तरकाशी के अस्पताल में चल रहा है।

कुमाऊं में सर्वाधिक मौतें नैनीताल से दर्ज की गईं जहां आपदा में 35 लोगों ने अपनी जान गंवाई। चंपावत में 11, अल्मोड़ा में छह, पिथौरागढ़ में तीन और उधमसिंह नगर में दो और बागेश्वर में एक मौत दर्ज की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चमोली जिले के आपदा प्रभावित डुंग्री गांव का दौरा किया और हाल में भारी बारिश के दौरान भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धनसिंह रावत और अन्य अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री धामी छड़ी हाथ में लेकर फिसलन भरी खड़ी चढ़ाई पार कर स्वयं स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव पहुंचे।

उन्नीस अक्टूबर को गांव में अतिवृष्टि के बाद भूस्खलन के मलबे में एक परिवार के दो सदस्य दब गए थे। उनके परिजनों को सांत्वना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद करेगी। धामी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि आपदा राहत कार्यों में किसी भी तरह से संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी।

डुंग्री गांव में आपदा से नुकसान का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की और उन्हें अवरुद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करने तथा आपदा पीड़ित परिवारों तक हरसंभव मदद पहुंचाने को कहा।(भाषा)
ये भी पढ़ें
कांग्रेस ने राजद से बनाई दूरी, बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान