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Last Modified: शनिवार, 14 जनवरी 2023 (23:55 IST)

Joshimath Sinking : जोशीमठ के निकट सेलंग में दिखीं दरारें, स्थानीय लोगों में खौफ

Joshimath Sinking : जोशीमठ के निकट सेलंग में दिखीं दरारें, स्थानीय लोगों में खौफ - Cracks seen in Selang near Joshimath, fear among local people
सेलंग (उत्तराखंड)। भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित गांव सेलंग में भी जोशीमठ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका मंडरा गई है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से खेतों और कई घरों में दरारें दिखाई दे रही हैं। ग्रामीण अपनी दुर्दशा के लिए एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-58) पर स्थित सेलंग के निवासियों ने कहा कि वे डरे हुए हैं और जोशीमठ संकट ने उनके डर को और बढ़ा दिया है। ग्रामीण अपनी दुर्दशा के लिए एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

सेलंग निवासी विजेंद्र लाल ने कहा कि इस परियोजना की सुरंगें गांव के नीचे बनाई गई हैं। उन्होंने दावा किया कि इन सुरंगों में से एक के मुहाने के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक होटल जुलाई, 2021 में ढह गया और नजदीक का पेट्रोल पंप भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ। लाल ने कहा कि ढह गए होटल के पास स्थित घरों को भी खतरा है।

उन्होंने दावा किया, गांव के नीचे एनटीपीसी की 9 सुरंगें बनी हैं। सुरंगों के निर्माण में बहुत सारे विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे गांव की नींव को नुकसान पहुंचा है। लगभग 15 घरों में दरारें आने का दावा करते हुए ग्रामीण ने कहा, गांव की मुख्य बस्ती से 100 मीटर नीचे एक जल निकासी प्रणाली भी बनाई जा रही है, जिससे कुछ मीटर की दूरी पर गांव की ओर दरारें नजर आने लगी हैं।

सेलंग गांव के वन पंचायत सरपंच शिशुपाल सिंह भंडारी ने कहा कि एनटीपीसी परियोजना के कारण निवासियों का जीवन दयनीय हो गया है। भंडारी ने कहा, कई आवेदन भेजे गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

उन्होंने दावा किया, नुकसान करीब एक दशक पहले उस समय शुरू हुआ था, जब एनटीपीसी ने इलाके में सुरंग खोदनी शुरू की थी। लोगों ने विरोध किया तो एनटीपीसी ने एक निजी कंपनी के माध्यम से घरों का बीमा करवाया, लेकिन अब जब मकानों में दरारें आ रही हैं तो वह मकान मालिकों को मुआवजा देने से बच रहा है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)