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Last Updated : गुरुवार, 7 नवंबर 2024 (12:25 IST)

बिहार कोकिला शारदा सिन्हा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई

बिहार कोकिला शारदा सिन्हा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई - Bihar Kokila Sharda Sinha cremated with full state honours in Patna
Sharda Sinha news in hindi : लोकप्रिय लोक गायिका शारदा सिन्हा का गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ यहां अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार उनके पुत्र अंशुमान सिन्हा ने किया तथा भावुक माहौल में उन्हें मुखाग्नि दी। छठ पर्व के पहले दिन उनका गुजरना भी एक तरह का संयोग है, जिसने लोगों को और भावुक कर दिया। कई लोग इसे विधि का विधान बता रहे हैं।
 
पटना के महेंद्रू इलाके में गुलबी घाट श्मशान के बाहर शारदा सिन्हा के अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों प्रशंसक जमा हुए थे। राजेंद्र नगर क्षेत्र (कंकड़बाग के पास) स्थित शारदा सिन्हा के आवास से श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा निकाली गई, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी मौजूद थे।
 
पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का मंगलवार रात को निधन हो गया था। सिन्हा एक प्रकार के रक्त कैंसर मल्टीपल मायलोमा से ग्रसित थीं। उनका नयी दिल्ली स्थित एम्स में इलाज हो रहा था। वह 72 वर्ष की थीं।
 
लोकप्रिय लोकगायिका का पार्थिव शरीर बुधवार को विमान के जरिये नयी दिल्ली से पटना लाया गया। पटना हवाई अड्डे पर बिहार के कई मंत्री मौजूद थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके घर गए और पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया।
 
बिहार कोकिला के रूप में विख्यात शारदा सिन्हा ने कार्तिक मास इजोरिया, सूरज भइले बिहान सहित कई लोकगीत और छठ पर्व के गीत गाए। उन्होंने तार बिजली और बाबुल जैसे हिट हिंदी फिल्मी गाने भी गाए।
 
उन्हें मिथिला की बेगम अख्तर भी कहा जाता था। वह एक समर्पित छठ उपासक थीं और अपने गिरते स्वास्थ्य के बावजूद हर साल त्योहार के अवसर पर एक नया गीत जारी करती थीं। इस साल उन्होंने अपनी मृत्यु से ठीक एक दिन पहले ‘दुखवा मिटाईं छठी मैया’ गीत रिलीज किया था, जो उनकी बीमारी से संघर्ष को दर्शाता है। सिन्हा भोजपुरी, मैथिली और मगही भाषाओं में लोकगीतों का पर्याय थीं।
 
विशेष रूप से छठ पूजा और शादियों के दौरान गाए जाने वाले उनके लोक गीत बहुत लोकप्रिय हैं जिनमें ‘छठी मैया आई ना दुअरिया’, ‘द्वार छेकाई’, ‘पटना से’ और ‘कोयल बिन’ शामिल हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta 
 
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