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Last Updated : बुधवार, 6 नवंबर 2024 (15:45 IST)

राजकीय सम्मान के साथ होगा बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार

राजकीय सम्मान के साथ होगा बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार - Sharda Sinha's last rites will be performed with state honors
Sharda Sinha's last rites will be performed on Thursday : 'बिहार कोकिला' के नाम से प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का अंतिम संस्कार गुरुवार को पटना में पूरे राजकीय सम्मान (state honors) के साथ किया जाएगा। लंबे समय से मायलोमा (एक तरह का रक्त कैंसर) से जूझ रहीं सिन्हा का मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया था। वे 72 साल की थीं।
 
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिन्हा ने बताया कि सिन्हा का पार्थिव शरीर बुधवार को दिल्ली से पटना लाया गया। उन्होंने कहा कि सिन्हा के परिवार के सदस्यों की इच्छा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह करीब 9 बजे किया जाएगा। पहले अधिकारियों ने कहा था कि सिन्हा का अंतिम संस्कार बुधवार शाम किया जा सकता है।ALSO READ: शारदा सिन्हा: छठ पर्व पर खामोश हुई बिहार कोकिला की आवाज
 
नीतीश ने की राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की घोषणा : सिन्हा का पार्थिव शरीर पटना में उनके राजेंद्र नगर स्थित आवास (कंकड़बाग के पास) में रखा गया है, जहां प्रशंसक और शुभचिंतक लोक गायिका के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित सिन्हा का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने की घोषणा की थी।
 
सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए नीतीश बुधवार दोपहर उनके आवास पर पहुंचे। केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित कई अन्य हस्तियों के भी लोक गायिका को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास पर पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक नीतीश ने पटना के जिलाधिकारी को सिन्हा के अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक इंतजाम करने का निर्देश दिया है।ALSO READ: AIIMS में भर्ती प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
 
शारदा सिन्हा के कुछ प्रमुख गीत : बिहार की समृद्ध लोक परंपराओं को राज्य की सीमाओं से बाहर भी लोकप्रिय बनाने वाली शारदा सिन्हा के कुछ प्रमुख गीतों में 'छठी मैया आई ना दुआरिया', 'कार्तिक मास इजोरिया', 'द्वार छेकाई', 'पटना से' और 'कोयल बिन' शामिल थे। इसके अलावा, उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी कई गाने गए थे। इनमें 'गैंग्स ऑफ वासेपुर-2' के 'तार बिजली' और 'हम आपके हैं कौन' के 'बाबुल' जैसे गाने शामिल हैं। एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका सिन्हा को उनके गीतों में शास्त्रीय और लोक संगीत के अद्भुत मिश्रण के लिए जाना जाता था।
 
'मिथिला की बेगम अख्तर' कहलाती थीं शारदा सिन्हा : 'मिथिला की बेगम अख्तर' कहलाने वाली सिन्हा लगातार बिगड़ती सेहत के बावजूद छठ पर हर साल एक नया गीत जारी करती थीं। इस साल उन्होंने अपने निधन से ठीक 1दिन पहले छठ के लिए 'दु:खवा मिटाईं छठी मइया गीत जारी किया था जिससे कैंसर से उनकी कठिन लड़ाई का दर्द बयां होता है।
 
सुपौल में जन्मीं सिन्हा छठ पूजा और शादी जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों के कारण अपने गृह राज्य बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में बेहद लोकप्रिय थीं। उन्होंने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषा में कई यादगार लोकगीत गाए थे।ALSO READ: Chhath Puja Suryoday Time: छठ पूजा पर सूर्योदय और सूर्यास्त का समय क्या है?
 
ममता बनर्जी ने जताया शोक : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में सिन्हा के निधन पर शोक जताया। उन्होंने लिखा कि प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन की खबर सुनकर बहुत दु:ख हुआ। अपनी सुरीली आवाज के कारण वे 'बिहार कोकिला' के नाम से भी जानी जाती थीं और भोजपुरी, मैथिली व मगधी में गाए उनके गीत हमेशा याद रखे जाएंगे। मैं उनके शोक संतप्त परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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