ओवैसी राजस्थान में पूरी ताकत से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, ज्ञानवापी मामले में कही यह बात
जयपुर। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगी और जुलाई के आखिर तक अपनी राज्य इकाई बना लेगी। पार्टी ने राज्य में किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन को लेकर अपने विकल्प खुले रखे हैं।
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय संयोजक असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को यहां बातचीत में कहा कि पार्टी ने राजस्थान में अपने संगठन को खड़ा करने के लिए कोर कमेटी गठित की है। यह कमेटी जुलाई तक राज्य के अलग अलग स्थानों पर जाकर पार्टी के संगठन को खड़ा करेगी। हमारी पूरी कोशिश है कि इस प्रक्रिया को जुलाई में पूरा कर लिया जाए और पूरे राज्य की इकाई गठित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य के आने वाले विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम पार्टी पूरी ताकत से हिस्सा लेगी। राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए आगामी चुनाव अगले साल आखिर में होने हैं। संभावित गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले हमारा ध्यान अपना संगठन खड़ा करने पर है, समय आने पर इस बारे में उचित फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम की लड़ाई किसी को मुख्यमंत्री बनाने की नहीं है बल्कि अपनी लीडरशिप खड़ा करने की है।
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के नए वीडियो सामने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि मीडिया में वीडियो चलाने वाले गलती कर रहे हैं और कानून, कानून ही रहेगा। ओवैसी ने कहा कि जो वीडियो मीडिया में चलाए जा रहे हैं, वे बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं, क्योंकि उच्चतम न्यायालय में तो न्यायाधीशों ने कहा है कि मीडिया को नहीं चलाना चाहिए। अब ये चुनिंदा लीक कौन कर रहा है? आप कुछ भी कर लो 1991 का कानून, कानून है। 91 के कानून के तहत 15 अगस्त 1947 को मस्जिद थी, मस्जिद है, और रहेगी।
उन्होंने कहा कि पहले तो मैं वीडियो को नहीं मानता, क्योंकि हो सकता है कि वीडियो पूरी तरह झूठ हों, एडिट किए गए हों। क्या अदालत ने उन्हें दिया? कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक करो? अगर वीडियो सच भी है तब भी कानून, कानून रहेगा। उसमें कुछ होने वाला नहीं है।
अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह के पहले मंदिर होने का दावा किए जाने और इसका सर्वे करवाए जाने की मांग पर ओवैसी ने कहा कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के अनुसार कानूनन आप किसी मंदिर या मस्जिद के नेचर व कैरेक्टर में बदलाव नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के शब्द थे कि 'कानून को अपने हाथ में लेकर ऐतिहासिक मानदंडों को ठीक नहीं किया जा सकता है। आप वर्तमान और भविष्य का दमन नहीं कर सकते।' ओवैसी ने कहा कि ऐसी बात करने वाले हिमाकत व साजिश कर रहे हैं और ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता की अवधारणा के खिलाफ है और विविधता इस देश की खूबसूरती है और इसे बरकरार रहना चाहिए। देश की समस्या समान नागरिक संहिता नहीं बल्कि बेरोजगारी है जिसके लिए केंद्र को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।