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Last Updated : रविवार, 30 जून 2019 (10:33 IST)

जेल से छूटने के बाद बोले आकाश‍ विजयवर्गीय- पिटाई का कोई अफसोस नहीं, भगवान दोबारा न दे बल्लेबाजी का अवसर

Akash Vijayvargiya। जेल में 4 दिन बिताने के बाद जमानत पर छूटे बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय - Akash Vijayvargiya BJP MLA, Kailash Vijayvargiya
इंदौर। नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बल्ले से पीटने के बहुचर्चित मामले और एक अन्य प्रकरण में स्थानीय भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को रविवार सुबह जिला जेल से रिहा किया गया। भोपाल की एक विशेष अदालत ने शनिवार शाम दो मामलों में उनकी जमानत अर्जी मंजूर की थी।

जेल से छूटने के बाद आकाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों को कहा कि वे जनता की भलाई के लिए काम करते रहेंगे।उन्हें जेल जाने का कोई दु:ख नहीं है। मैं आगे गांधीगिरी के रास्ते पर चलूंगा। उन्होंने कहा कि पिटाई का कोई अफसोस नहीं, भगवान से इतनी ही प्रार्थना है कि उन्हें दोबारा बल्लेबाजी का अवसर न दे।
 
इसलिए शनिवार को नहीं हुए रिहा : जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया कि हमें विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश शनिवार रात 11 बजे के आस-पास मिला। तय औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें रविवार सुबह जेल से छोड़ दिया गया। 
 
चतुर्वेदी ने बताया कि शनिवार को लॉकअप के शाम 7 बजे के नियत समय तक हमें विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश नहीं मिला था। लिहाजा जेल नियमावली के मुताबिक हम उन्हें शनिवार रात रिहा नहीं कर सकते थे।  उन्होंने बताया कि विजयवर्गीय जिला जेल में न्यायिक हिरासत के तहत बुधवार देर शाम से बंद थे। जेल शब्दावली के मुताबिक नियमित गिनती के बाद कैदियों को कारागार के भीतरी परिसर से दोबारा कोठरी में भेजकर बंद किए जाने को 'लॉकअप' करना कहा जाता है। 
 
‍न्यायिक हिरासत के दौरान दूसरे मामले में हुए थे गिरफ्तार : शहर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान बुधवार को बड़े विवाद के बाद भाजपा विधायक ने नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट के बल्ले से पीट दिया था। कैमरे में कैद पिटाई कांड में गिरफ्तारी के बाद विजयवर्गीय को बुधवार को एक स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया था।
 
अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके साथ ही, उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के तहत जिला जेल भेज दिया गया था। न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद रहने के दौरान भाजपा विधायक को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मामले में गुरुवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था।
 
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विजयवर्गीय की अगुवाई में 4 जून को शहर के राजबाड़ा चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान यह पुतला जलाया था, लेकिन इस प्रदर्शन के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।  उन्होंने बताया कि इस पर विजयवर्गीय और भाजपा के अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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