बॉम्बे HC के आदेश के बाद एक्शन में CBI, देशमुख के खिलाफ शुरुआती जांच के लिए आज पहुंचेगी मुंबई
नई दिल्ली/ मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरंभिक जांच की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सीबीआई की एक टीम आज मुंबई पहुंचेगी। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीरसिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बंबई उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को जांच का निर्देश दिए जाने के बाद देशमुख ने गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मामलों में कार्रवाई आरंभ करने के पहले आमतौर पर एजेंसी औपचारिक आदेश मिलने का इंतजार करती है और कानूनी राय लेती है लेकिन उच्च न्यायालय ने आरंभिक जांच के लिए 15 दिनों का ही समय दिया है इसलिए सीबीआई ने तेजी से कदम उठाया है। सीबीआई की टीम जांच शुरू करने के लिए वकीलों से मिलकर आदेश, संलग्न शिकायत और अन्य जरूरी दस्तावेज जुटाएगी।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि यह असाधारण और अभूतपूर्व मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। पीठ ने 52 पन्ने के अपने फैसले में कहा कि देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों ने राज्य पुलिस में नागरिकों के भरोसे को दांव पर लगा दिया है।
अदालत ने कहा कि एक सेवारत पुलिस अधिकारी द्वारा राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए ऐसे आरोपों को बिना जांच के नहीं रहने दे सकते और जहां इसमें जांच की जरूरत होगी,... यदि प्रथम दृष्टया,.... तो वे संज्ञेय अपराध का मामला बना सकते हैं।
पीठ ने अपना फैसला पिछले महीने दाखिल तीन जनहित याचिकाओं और एक आपराधिक रिट याचिका पर दिया जिनमें मामले की सीबीआई जांच और कई अन्य राहतों का अनुरोध किया गया था। इनमें से एक याचिका खुद सिंह ने दायर की है जबकि दो अन्य याचिकाएं वकील घनश्याम उपाध्याय और स्थानीय शिक्षक मोहन भिडे ने दायर की थी।
आपराधिक रिट याचिका एक वकील जयश्री पाटिल ने दाखिल की थी। उच्च न्यायालय ने पाटिल की याचिका पर सीबीआई जांच का आदेश दिया। सिंह ने 25 मार्च को देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए याचिका दाखिल की थी जिसमें उन्होंने दावा किया कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा। देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है।
आदेश को दे सकते हैं चुनौती : अनिल देशमुख अब अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की बंबई उच्च न्यायालय के सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दे सकते हैं। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सूत्रों ने बताया कि देशमुख मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकते हैं। इस्तीफा देने के बाद दोपहर में देशमुख राष्ट्रीय राजधानी आए और उन्होंने यहां वरिष्ठ अधिवक्ताओं से मुलाकात की।
दिलीप वलसे को सौंपा गृह विभाग : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और इस अहम विभाग का प्रभार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप वलसे पाटिल को सौंप दिया। राजभवन ने यह जानकारी दी। वलसे पाटिल आबकारी एवं श्रम विभाग का प्रभार संभाल रहे थे, जिन्हें राकांपा के अन्य मंत्रियों को सौंप दिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने देशमुख का त्यागपत्र राज्यपाल के पास भेज दिया और उनसे इसे स्वीकार करने का अनुरोध किया है। रात में राजभवन से जारी एक बयान में बताया गया कि राज्यपाल ने देशमुख का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
बयान में कहा गया है कि श्रम विभाग का प्रभार ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुशरिफ तथा आबकारी विभाग का प्रभार उप मुख्यमंत्री अजित पवार को सौंपने की ठाकरे की सिफारिश भी मान ली है। ये दोनों ही विभाग पाटिल के पास थे।