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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : बुधवार, 19 फ़रवरी 2020 (22:47 IST)

Kashmir में 50 से ज्यादा नेताओं को रिहा करेगा प्रशासन

Kashmir में 50 से ज्यादा नेताओं को रिहा करेगा प्रशासन - 50 leaders can be released in Kashmir before panchayat election
जम्मू। पंचायत चुनावों को सुरक्षा के नाम पर स्थगित करने के बाद अब प्रशासन ने पहले नेताओं को रिहा करने की कवायद तेज कर दी है। प्रशासन ने खुद संकेत दिए हैं कि 50 से ज्यादा उन नेताओं को रिहा करने की कवायद तेज कर दी गई है, जिन पर पीएसए लगा कर जम्मू कश्मीर तथा बाहर की जेलों में रखा गया है।
 
फिलहाल उसने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व आईएएस शाह फैसल समेत करीब दर्जनभर अन्य नेताओं की रिहाई के बारे में चुप्पी साधी हुई है।
 
राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, पीएसए के तहत केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में हिरासत में लिए गए कुछ आरोपितों को प्रशासन रिहा कर सकता है। इनमें से कई आरोपित सेंट्रल जेल जम्मू, श्रीनगर के अलावा बाहरी राज्यों में भी बंद हैं।

सूत्रों के मुताबिक प्रशासन ने जन सुरक्षा अधिनियम के तहत जिन आरोपितों को हिरासत में लिया है, उनकी सूची मांगी है। अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के ऐसे 50 नेताओं की सूची गृह मंत्रालय को भेजी गई है, जिन पर पीएसए लागू किया गया है।
 
यह सूची कश्मीर में सक्रिय विभिन्न एजेंसियों ने तैयार की, जिसे बाद में उपराज्यपाल प्रशासन को सौंपा गया। गृह मंत्रालय ने सूची पर विचार किया और इसमें अब अंतिम फैसला लिए जाने की कवायद को तेज किया गया है और बताया जाता है कि इनकी रिहाई किसी भी समय हो सकती है।
 
जानकारी के मुताबिक, इस सूची में तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों, आईएएस अधिकारी शाह फैसल समेत मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से जुड़े करीब दर्जनभर नेताओं का नाम नहीं है। दरअसल अगस्त में करीब 450 लोगों पर पीएसए लगाया गया था।
 
करीब 26 लोगों, जिनमें कश्मीर पूर्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नजीर अहमद रौंगा शामिल है, को गत माह रिहा कर दिया। इसके अलावा कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुबीन शाह को भी स्वास्थ्य खराब होने के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद रिहा कर दिया गया। स्वास्थ्य के आधार पर ही दो और लोगों पर लगे पीएसए को खारिज कर दिया गया है।
 
इसी तरह जमात-ए-इस्लामी के 65 वर्षीय नेता गुलाम मोहम्मद बट निवासी उत्तरी कश्मीर के गांव कुलगांव, हंदवाड़ा, जिन्हें जुलाई में पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था कि दिसंबर में उत्तर प्रदेश में किसी जेल में मौत हो गई।

कश्मीर से करीब 396 लोग अभी भी पीएसए के तहत हिरासत में हैं और उन्हें जम्मू कश्मीर की विभिन्न जिलों के अलावा बाहरी राज्यों उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान की जेलों में रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस और अवामी इतेहाद पार्टी के मुख्यधारा के नेताओं को एहतियात के तौर पर घरों में ही नजरबंद रखा गया था। इनमें से 8 पर बाद में पीएसए लगा दिया गया।