हिंसा से बचने के लिए म्यांमार गए मेइती समुदाय के 200 लोग लौटे, सेना को सराहा
Manipur Violence: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में हुई जातीय हिंसा से बचने के लिए सीमा पार कर म्यांमार गए मेइती समुदाय के सदस्यों में से 200 से ज्यादा लोग 3 महीने से अधिक समय बाद अपने घर लौट आए हैं। उन्होंने लोगों को घर वापस लाने में सेना की भूमिका की प्रशंसा की।
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच तीन मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, मणिपुर के मोरेह कस्बे में तीन मई को हुई हिंसा के बाद म्यांमार सीमा पर शरण लेने वाले 212 भारतीय नागरिकों (मेइती) की वापसी से बेहद प्रसन्न हूं। वे सभी अब भारत की धरती पर लौट आए हैं। मुख्यमंत्री ने इन लोगों की सुरक्षित घर वापसी के लिए सेना की प्रशंसा की।
शांति बहाली पर जोर : मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि जातीय-संघर्ष से ग्रस्त राज्य में शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सिंह ने लोगों से राज्य में तीन मई से शुरू हुई जातीय हिंसा के कारण बर्बाद हुए समय की भरपाई के लिए दोगुनी मेहनत करने का आह्वान किया।
सद्भावना दिवस के अवसर पर बीरेन सिंह ने राज्य के कल्याण और एकता के लिए सकारात्मक सुझाव व सलाह मांगी। सद्भावना दिवस का कार्यक्रम 20 अगस्त के बजाय शुक्रवार को आयोजित किया गया, क्योंकि यह दिन सप्ताहांत में पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सभी को ऐसी टिप्पणी करने और चर्चा में शामिल होने से बचना चाहिए, जो दूसरे समुदाय के लिए परेशान करने वाली हो सकती है।
कुकी विद्रोहियों से बातचीत का विरोध : मणिपुर के मेइती विधायक मेइती विधायक राजकुमार इमो सिंह ने केंद्र और कुकी विद्रोही समूहों के बीच किसी भी शांति वार्ता का विरोध किया। विद्रोही समूहों ने सरकार के साथ अभियान स्थगित करने (एसओओ) का समझौता किया है।
भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सरकार और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट और 24 कुकी विद्रोही समूहों के संगठन कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के खिलाफ बयान दिया। इन संगठनों ने सरकार के साथ एसओओ पर हस्ताक्षर किए हैं। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार को नई दिल्ली में कुकी विद्रोही समूहों के सदस्यों के साथ बातचीत की। (एजेंसी/वेबदुनिया)