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Last Modified: धेमाजी (असम) , बुधवार, 14 अगस्त 2024 (17:45 IST)

news in hindi : 20 साल बाद पीड़ित परिवारों को न्याय के लिए उम्मीद, स्वतंत्रता दिवस पर हुए विस्फोट में 3 बच्चों सहित 12 लोगों की गई थी जान

news in hindi : 20 साल बाद पीड़ित परिवारों को न्याय के लिए उम्मीद, स्वतंत्रता दिवस पर हुए विस्फोट में 3 बच्चों सहित 12 लोगों की गई थी जान - 20 years after Independence Day blast, victims families hold on to SC as last straw for justice
news in hindi : शांति गोगोई असम के धेमाजी शहर में 20 वर्ष पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान उल्फा (यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम) के बम विस्फोट में अपनी बहू और उसके अजन्मे बच्चे की मौत के लिए न्याय की अब भी प्रतीक्षा कर रही हैं। उत्तरी असम के धेमाजी शहर में वर्ष 2004 में परेड मैदान में ध्वजारोहण समारोह से कुछ मिनट पहले हुए विस्फोट में शांति गोगोई की पुत्रवधू और 3 बच्चों सहित 12 अन्य लोग मारे गए थे।
 
यह विस्फोट उल्फा के इतिहास में एक निर्णायक क्षण था क्योंकि निर्दोष लोगों को निशाना बनाने के कारण उल्फा के लिए जन समर्थन और सहानुभूति घटने लगी थी। ठीक एक वर्ष पहले जब गौहाटी उच्च न्यायालय ने इस मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था तब पीड़ित परिवारों को लगा कि कि उन्हें न्याय नहीं मिल पाएगा।
सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक गोगोई और अन्य लोगों की न्याय के लिए उम्मीदें अब उच्चतम न्यायालय पर टिकी हैं। शांति गोगोई की पुत्रवधू नमिता गर्भवती थी और विस्फोट में मारी गई थीं। उन्होंने कहा कि धमाका सैकड़ों लोगों के सामने हुआ। ये लोग स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए धेमाजी कॉलेज मैदान में एकत्र हुए थे लेकिन यह बताने के लिए कोई गवाह नहीं है कि विस्फोटक किसने लगाया था या इसके पीछे कौन था।
Supreme court
अगस्त 2023 में गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने ‘पर्याप्त साक्ष्य के अभाव’ में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया था। गोगोई, उनके पड़ोसी नित्यानंद सैकिया और अन्य पीड़ितों के परिवारों के लिए आखिरी उम्मीद उच्चतम न्यायालय है जो उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली असम सरकार की याचिका की सुनवाई कर रहा है।
सैकिया ने कहा, ‘‘हमें एक पत्र मिला था जिसमें बताया गया कि राज्य सरकार इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जाएगी।’’ पीड़ित परिवारों ने कहा कि उन्हें अब उच्चतम न्यायालय से ही उम्मीद है।
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