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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022 (20:40 IST)

शोपियां में 2 आतंकी ढेर, इस साल अभी तक 27 मार गिराए

शोपियां में 2 आतंकी ढेर, इस साल अभी तक 27 मार गिराए - 2 terrorists killed in Shopian, 27 killed so far this year
जम्मू। शोपियां में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। इलाके में तलाशी अभियान जारी है। इसी के साथ इस साल जम्मू-कश्मीर में मरने वाले आतंकियों की संख्या 27 हो गई है।
 
जानकारी के अनुसार, शोपियां जिले के अमशीपोरा इलाके में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली। जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू कर दिया। आतंकियों ने खुद को घिरा देख सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकियों को मार गिराने में सफलता हासिल की। मौके पर बड़ी संख्या में नागरिकों के मौजूद होने के बाद पहले उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
 
पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदिग्धों के बारे में जानकारी मिलने के बाद 44 राष्ट्रीय राइफल, शोपियां पुलिस और सीआरपीएफ की 14 बटालियन ने मिलकर अभियान चलाया। जैसे ही संयुक्त टीम जैसे ही मौके पर पहुंची आतंकवादियों ने उन पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई। 
स्थानीय सूत्रों के अनुसार मारे गए दोनों आतंकी स्थानीय और इनका संबंध लश्कर-ए-तैयबा से बताया जा रहा है। इनकी पहचान मुज्जमिल और शाकिर के रूप में हुई है। पुलिस या फिर सैन्य अधिकारियों ने अभी तक इस संबंध में अधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है। सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकवादियों के शवों को अपने कब्जे में ले लिया है। मुठभेड़ स्थल से हथियार, गोलाबारूद के अलावा आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई है।
 
इस साल अब तक 27 मारे : इसके साथ ही पिछले डेढ़ महीनों में जम्मू कश्मीर में मारे जाने वाले आतंकियों की संख्या में लगभग दोगुना का इजाफा हुआ है। जनवरी से लेकर 25 फरवरी के बीच यहां लगभग 27 आतंकी मारे गए हैं, जिसमें से कई विदेशी आतंकवादी भी शामिल हैं। वहीं अगर आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल इसी अंतराल में 8 आतंकी मारे गए थे।
 
पिछले साल जम्मू कश्मीर पुलिस के ऊपर हुए आतंकी हमले और आम नागरिकों को निशाना बनाने की वजह से ऑपरेशन तेज हो गए और परिणाम यह हुआ कि बड़ी संख्या में आतंकी ढेर कर दिए गए। इस साल के पहले दो महीनों में 5 सुरक्षाबलों के जवान भी शहीद हुए। वहीं आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि किसी आम नागरिक कि इस दौरान हत्या नहीं हुई।
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