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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 10 फ़रवरी 2025 (12:09 IST)

magh purnima kumbh snan: प्रयाग कुंभ के महासंयोग में माघ पूर्णिमा का महास्नान, जानिए मुहूर्त

magh purnima kumbh snan: प्रयाग कुंभ के महासंयोग में माघ पूर्णिमा का महास्नान, जानिए मुहूर्त - magh purnima snan 2025 prayagraj maha kumbh
Prayagraj Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में 12 फरवरी 2025 बुधवार के दिन माघ पूर्णिमा का कुंभ स्नान त्रिवेणी संगम पर होगा। इस बार के अमृत स्नान पर भी महासंयोग बन रहा है। इस दिन कुंभ संक्रांति रहेगी। कुंभ संक्रांति के दिन कुंभ स्नान का संयोग वर्षों बाद आया है। इस दिन कई जगहों पर मेले का आयोजन होता है। मान्‍यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्‍नान करने से मोक्ष की प्राप्‍ति होती है। इस दिन सुख-समृद्धि पाने के लिए मां गंगा का ध्‍यान करें। अगर आप कुंभ संक्रांति के अवसर पर गंगा नदी में स्‍नान नहीं कर सकते हैं तो आप यमुना, गोदावरी या अन्‍य किसी भी पवित्र नदी में स्‍नान कर पुण्‍य की प्राप्‍ति कर सकते हैं। नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।ALSO READ: Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ जा रहे हों तो पहले पढ़ लें यह खबर, प्रयागराज जाने वाले वाहनों को मध्यप्रदेश में रोका गया
 
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 11 फरवरी 2025 को शाम को 06:55 बजे से।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 12 फरवरी 2025 को शाम को 07:22 बजे तक।
 
माघ पूर्णिमा पर स्नान का महत्व: माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप पुण्य के कार्य करने के साथ-साथ श्रीहरि विष्णु का पूजन, पितृ निमित्त श्राद्ध तथा असहाय और गरीबों को खाने-पीने की चीजें दान करना और दक्षिणा देना बहुत ही शुभ माना जाता है। गंगा स्नान के दौरान कम से कम पांच बार डुबकी लगाना शुभ माना जाता है। यह संख्या धार्मिक महत्व रखती है और माना जाता है कि इससे पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) का शुद्धीकरण होता है। डुबकी लगाने के बाद खड़े होकर जल से तर्पण करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद जल से बाहर निकलकर शुद्ध वस्त्र पहनें और फिर पंचदेवों की पूजा करें। पूजा के बाद ब्राह्मणों या गरीबों को दान दें।ALSO READ: अखाड़ों का महाकुंभ से कूच, अब बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में होगी साधु-संतों की होली
कुंभ संक्रांति पर क्या करें :
  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्य देव की उपासना, उन्‍हें अर्घ्‍य देना और आदित्‍य ह्रदय स्रोत का पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्‍ति होती है।
  • इस शुभ दिन सूर्य भगवान की विधि-विधान से पूजा करने पर उस घर-परिवार में किसी भी सदस्‍य के ऊपर कोई मुसीबत या रोग नहीं आता है। साथ ही भगवान आदित्‍य के आशीर्वाद से जीवन के अनेक दोष भी दूर हो जाते हैं। इससे प्रतिष्‍ठा और मान-सम्‍मान में भी वृद्धि होती है।
  • इस दिन खाद्य वस्‍तुओं, वस्‍त्रों और गरीबों को दान देने से दोगुना पुण्‍य मिलता है। इस दिन दान करने से अंत काल में उत्तम धाम की प्राप्‍ति होती है। इस उपाय से जीवन के अनेक दोष भी समाप्‍त हो जाते हैं।
  • मान्‍यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्‍नान करने से मोक्ष की प्राप्‍ति होती है। इस दिन सुख-समृद्धि पाने के लिए मां गंगा का ध्‍यान करें। अगर आप कुंभ संक्रांति के अवसर पर गंगा नदी में स्‍नान नहीं कर सकते हैं तो आप यमुना, गोदावरी या अन्‍य किसी भी पवित्र नदी में स्‍नान कर पुण्‍य की प्राप्‍ति कर सकते हैं।
  • अगर इस शुभ दिन पर सूर्यदेव के बीज मंत्र का जाप किया जाए तो मनुष्‍य को अपने दुखों से छुटकारा शीघ्र मिल जाता है।