chandra surya grahan 2025: वर्ष 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण सितंबर माह में लगने वाला है। चंद्र ग्रहण 7 सितंबर रविवार को लगेगा और सूर्य ग्रहण 21 सितंबर रविवार को लगेगा। दोनों ग्रहण 15 दिन के अंतराल में रहेंगे। ज्योतिष मान्यता के अनुसार जब 2 ग्रहण बहुत करीब हो तो प्राकृतिक घटनाएं बढ़ जाती है। ग्रहण के 40 दिन पहले और ग्रहण के 40 दिन बाद के अंतराल में भूकंप का आना तय माना जाता है। दोनों ही ग्रहण का प्रभाव अलग अलग होता है। हाल ही में रशिया में एक बड़ा भूकंप आया है।
दोनों ग्रहण का एक साथ प्रभाव: यदि 2 पूर्ण ग्रहण सूर्य और चंद्र ग्रहण यदि पास-पास पड़ रहे हैं तो ग्रहण के एक दिन पूर्व या बाद में भूकंप आने की संभावना बढ़ जाती है। इसी के साथ ही मानसिक बेचैनी के चलते मनुष्यों में आपसी लड़ाई भी बढ़ जाती है। धरती पर कई आगजनी की घटनाओं के साथ ही समुद्र में चक्रवात की घटनाएं भी बढ़ जाती है। जब भी कोई 2 ग्रहण एक साथ पड़ते हैं या आने वाला रहते हैं तो उस ग्रहण के 40 दिन पूर्व तथा 40 दिन बाद अर्थात उक्त ग्रहण के 80 दिन के अंतराल में बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। कभी कभी यह दिन कम होते हैं अर्थात ग्रहण के 15 दिन पूर्व या 15 दिन पश्चात भूकंप आ जाता है।
चंद्र ग्रहण का प्रभाव: चंद्र ग्रहण का प्रभाव आम व्यक्ति की मानसिक स्थिति और समुद्र पर आता है।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव: सूर्य ग्रहण का प्रभाव धरती और राजा यानी सत्ता पर आता है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव समुद्र को छोड़कर भूमि पर ज्यादा रहता है।
ग्रहण से कैसे आते हैं भूकंप: ग्रहण के कारण वायुवेग बदल जाता है, धरती पर तूफान, आंधी का प्राभाव बढ़ जाता है। समुद्र में जल की गति भी बदल जाती है। ऐसे में धरती की भीतरी प्लेटों पर भी दबाव बढ़ता है और दबाव के चलते वे आपस में टकराती है। वराह मिहिर के अनुसार भूकंप आने के कई कारण है जिसमें से एक वायुवेग तथा पृथ्वी के धरातल का आपस में टकराना है।
1. दूसरा चंद्र ग्रहण
दिनांक: 07 सितंबर 2025 रविवार, भाद्रपद मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा। पितृपक्ष शुरु होगा तब लगेगा।
ग्रहण प्रकार: खग्रास चंद्र ग्रहण
समय: भारतीय समय अनुसार 07 सितंबर की मध्यरात्रि 09:57 बजे शुरू होकर 08 सितंबर की मध्यरात्रि 1:26 बजे तक रहेगा।
चन्द्र ग्रहण का पूर्ण प्रभाव प्रारम्भ- मध्यरात्रि 12:28 से तड़के 03:56 तक पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा।
कहां नजर आएगा?
भारत समेत संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा।
कहां नजर नहीं आएगा?
यह ग्रहण भी भारत सहित ईरान, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, बाली, चीन आदि देशों में दिखाई नहीं देगा।
सूतक काल: जहां पर भी यह चंद्र ग्रहण नजर आएगा वहां पर सूतक काल ग्रहण के 09 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा। इस ग्रहण का सूतक काल भारत में 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा।
2. दूसरा सूर्य ग्रहण:
वर्ष 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 और 22 सितंबर 2025 के दौरान रहेगा। भारतीय ज्योतिष मान्यता के अनुसार खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा जो दिनांक 21 सितंबर 2025, दिन रविवार, संवत 2082 की आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होगा। यह खग्रास सूर्यग्रहण भारतवर्ष में दृश्य नहीं होने से इससे संबंधित समस्त यम, नियम, सूतक, आदि भारतवर्ष में मान्य नहीं होंगे।
अंतिम सूर्य ग्रहण का समापन 22 सितंबर दिन सोमवार को तड़के 3 बजकर 24 मिनट पर होगा। यह सूर्य ग्रहण कुल 4 घंटे 24 मिनट तक रहेगा। उसके बाद सूर्य ग्रहण का मोक्ष हो जाएगा। सूर्य ग्रहण के दिन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है। उस दिन शुक्ल योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेंगे। यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगने वाला है. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
कहां नजर आएगा सूर्य ग्रहण: इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी, समोआ, अटलांटिक महासागर आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा। जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है और सूर्य का प्रकाश धरती तक नहीं पहुंचता है तो उस समय सूर्य ग्रहण होता है।
सूतक काल: सूर्य ग्रहण का सूतककाल ग्रहण के 12 घंटे पहले से प्रारंभ हो जाता है जबकि चंद्र ग्रहण का 9 घंटे पूर्व। भारत में यह नजर नहीं आएगा इसलिए इसका सूतककाल मान्य नहीं है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव धरती पर रहता है जबकि चंद्र ग्रहण का प्रभाव समुद्र और समुद्र क्षेत्रों में रहता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगता है।