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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 (10:29 IST)

इस तारीख के आसपास एशिया में आ सकता है बड़ा भूकंप, रहें संभलकर

Effect of Chandra Grahan
भूकंप आने के कई कारण होते हैं जिनमें से एक कारण है सूर्य और चंद्र ग्रहण के साथ ग्रहों का गोचर। आपने देखा होगा कि पूर्णिमा के दिन समुद्र में हाई टाइड बढ़ जाते हैं। यानि समुद्र का जल स्तर बढ़ जाता है और बड़ी बड़ी लहरे उठती हैं। इसका कारण चंद्रमा और धरती के गुरुत्वाकर्षण का टकराव और खिचांव होता है। इस खिंचाव से धरती के भीतर स्थित टेक्टोनिक प्लेटों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है जो कि भूकंप का कारण बनता है। वैज्ञानिकों के अनुसार प्रत्येक 100 वर्षों में एक बड़ा भूकंप आता है जो धरती को हिलाकर रख देता है। अभी 100 वर्ष हो चुके हैं। 
 
ग्रहण और भूकंप:
1. 14 मार्च 2025 शुक्रवार, फाल्गुन मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन साल का पहले चंद्र ग्रहण था इसके बाद 29 मार्च को सूर्य ग्रहण था। इसके बाद से ही देश और दुनिया के कई छोटे और बड़े भूकंप आए थे जो लगातर चल रहे हैं। 
 
2. अब 07 सितंबर 2025 रविवार, भाद्रपद मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा। पितृपक्ष शुरु होगा तब लगेगा। इस तारीख के आसपास कभी भी भूकंप आ सकता है। 
 
3. वर्ष 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 और 22 सितंबर 2025 के दौरान रहेगा। इस तारीख के पास भी भूकंप आने की संभावना है। 
 
भविष्टवाणी: कई भविष्यवक्ता और वैज्ञानिक इस बात की आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि धरती पर बहुत बड़ा भूकंप आने वाला है जो बहुत ही विनाशकारी साबित होगा। हालांकि यह भूकंप कब आएगा इसके संबंध में वैज्ञानिक कोई बात नहीं करते हैं लेकिन आशंका जरूर व्यक्त करते हैं। विज्ञान की नजर में भूकंप की भविष्यवाणी करना संभव नहीं है, लेकिन ज्योतिष और धर्म की मान्यता यह जरूर बताती है कि भूकंप कब आने वाला है।
भारतीय ज्योतिष मान्यता : जब भी कोई ग्रहण पड़ता है या आने वाला रहता है तो उस ग्रहण के 40 दिन पूर्व तथा 40 दिन बाद अर्थात उक्त ग्रहण के 80 दिन के अंतराल में भूकंप कभी भी आ सकता है। कभी कभी यह दिन कम होते हैं अर्थात ग्रहण के 15 दिन पूर्व या 15 दिन पश्चात भूकंप आ जाता है। पूर्ण ग्रहण (सूर्य और चंद्र) यदि पास पास पड़ रहे हैं तो भूकंप ग्रहण के एक दिन पूर्व या बाद में आने की संभावना बढ़ जाती है और यह बड़ा भूकंप होता है। भारतीय ज्योतिष मान्यता के अनुसार अधिकतर मौके पर भूकंप दिन के 12 बजे से लेकर सूर्यास्त तक और मध्य रात्रि से सूर्योदय के बीच ही आते हैं।
 
क्या कहता है विज्ञान?
  1. पृथ्वी पर अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप 22 मई 1960 को चिली में आया था। उस समय इस भूकंप की तीव्रता 9.5 मापी गई थी।
  2. होलकर विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. राम श्रीवास्तव वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि पृथ्वी पर भूकंप हमेशा आते ही रहते हैं। लगभग 30 से 35 भूकंप रोज आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता 2.5 और 3 रहने के कारण या तो ये महसूस ही नहीं होते या फिर बहुत हलके महसूस होते हैं।
  3. प्रो. श्रीवास्तव कोलोराडो यूनिवर्सिटी के रॉजर विलहम एवं सिंगापुर यूनिवर्सिटी के पॉल टपोलियर के हवाले से कहते हैं इन दोनों ने ही हिमालय क्षेत्र में भूकंप को लेकर काफी काम किया है। इससे जुड़ी जानकारी नेचर नामक पत्रिका में भी प्रकाशित हुई है।
  4. इन वैज्ञानिकों के मुताबिक 1000 साल में हिमालय की तराई में एक 'मेगा भूकंप' आता है, जो कि अब ड्यू हो गया है। रिक्टर पैमाने पर यह भूकंप 8-9 तीव्रता का हो सकता है।
  5. यदि ऐसा हुआ तो गंगा के मैदान में बहुमंजिला मकान जमींदोज हो जाएंगे। इससे काफी नुकसान हो सकता है
  6. प्रोफेसर कहते हैं कि चूंकि भूकंप की भविष्यवाणी नहीं हो सकती, लेकिन समय रहते हमें खतरनाक क्षेत्रों का ऑडिट करना चाहिए कि कोई मकान कितना झटका झेल सकता है। इसके लिए हमें किसी भूकंप का इंतजार नहीं करना चाहिए।
डिस्क्लेमर : उपरोक्त जानकारी विभिन्न स्रोत पर आधारित है। इसकी आधिकारिक पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है।
 
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