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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 (10:36 IST)

क्या खंडित शिवलिंग की पूजा करना सही है?

Worship of broken Shivling
Is broken Shivling allowed in worship: कुछ मान्यताओं के अनुसार खंडित शिवलिंग की पूजा करना सही माना जाता है। यह अन्य देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों की पूजा से अलग है जिनकी पूजा सामान्यत: वर्जित मानी जाती है और जिन्हें विसर्जित कर दिया जाता है।ALSO READ: sawan somwar 2025: सावन सोमवार का व्रत पूरे माह रखें या कि सिर्फ सोमवार को?
 
क्यों है खंडित शिवलिंग की पूजा सही? इसके पीछे प्रमुख कारण और मान्यताएं इस प्रकार हैं-
 
1. निराकार स्वरूप : भगवान शिव को 'निष्कल' यानी निराकार ब्रह्म माना गया है। उनका कोई आदि या अंत नहीं है और न ही कोई निश्चित आकार। शिवलिंग भगवान शिव के इसी निराकार स्वरूप का प्रतीक है। चूंकि निराकार का खंडन नहीं हो सकता इसलिए शिवलिंग के भौतिक रूप से टूट जाने पर भी उसकी पवित्रता और पूजनीयता बनी रहती है।
 
2. अखंड और अनंत : शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग कितना भी खंडित क्यों न हो जाए, वह हमेशा ही पवित्र और पूजनीय रहता है। कई प्राचीन मंदिरों में ऐसे शिवलिंग भी मिलते हैं, जो समय के साथ क्षीण या आंशिक रूप से खंडित हो चुके हैं फिर भी उनकी पूरी श्रद्धा से पूजा की जाती है।
 
3. ब्रह्मरूप : भगवान शिव को ब्रह्मरूप कहा गया है। वे समस्त जगत के मूल कारण माने जाते हैं इसलिए शिवलिंग के रूप में उनकी पूजा करने से संपूर्ण ब्रह्मांड का पूजन हो जाता है। उनका यह रूप विभाजन से परे है।
 
4. लोकमान्यता और अनुभव : कई संत-महात्माओं और विद्वानों ने भी इस बात का समर्थन किया है कि खंडित शिवलिंग की पूजा की जा सकती है। यह मान्यता वर्षों से चली आ रही है और भक्तों के अनुभव पर आधारित है।ALSO READ: शिव पंचाक्षर स्तोत्र | Shiva panchakshar stotra
 
आइए, अब जानते हैं क्यों खंडित शिवलिंग की पूजा सही नहीं है?
 
वहीं यदि हम मनुस्मृति और पुराणों का उल्लेख देखें तो पुराणों और धर्मशास्त्रों के अनुसार किसी भी खंडित या टूटे हुए मूर्ति या शिवलिंग की पूजा निषेध मानी गई है। मनुस्मृति, गरुड़ पुराण और अग्नि पुराण जैसे ग्रंथों में कहा गया है कि खंडित मूर्ति अपवित्र हो जाती है और उसकी पूजा करने से दोष लगता है।
 
गरुड़ पुराण में कहा गया है-
 
'य: खंडितां पूजयते लिंगं च मूर्तिमेव च।
स नरकं गच्छति निश्चितं नात्र संशय:।।'
 
अर्थात् जो व्यक्ति खंडित शिवलिंग या मूर्ति की पूजा करता है, वह निश्चित रूप से पाप का भागी बनता है।
 
संक्षेप में यदि आपके घर या किसी मंदिर में शिवलिंग खंडित हो जाए तो आपको उसकी पूजा करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। उसकी पवित्रता बनी रहती है और वह पूजनीय ही रहता है। अन्य देवी-देवताओं की मूर्ति खंडित होने पर उसे विसर्जित करने का नियम है, लेकिन शिवलिंग इस नियम का अपवाद है।

वहीं यदि आपके घर या मंदिर में शिवलिंग खंडित हो गया हो तो किसी योग्य पंडित से परामर्श लें और इस विशेष परिस्थिति में उचित विधि-विधान के साथ नव शिवलिंग की स्थापना करना शुभ माना जाता है।
 
इस संबंध में परंपरागत मान्यता के अनुसार यदि किसी स्थान पर शिवलिंग खंडित हो गया हो तो वहां नया शिवलिंग स्थापित कर पूजा की जाती है तथा खंडित शिवलिंग को जलाशय, नदी या तालाब में प्रवाहित किया जा सकता है या किसी मंदिर के भीतर किनारे स्थान देकर विराम दिया जाता है।
 
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