क्या महाकुंभ में 144 वर्ष का संयोग बना भगदड़ की एक बड़ी वजह?
महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ की एक बड़ी वजह 144 वर्ष का संयोग है जिसका सरकार के साथ ही साधु महात्माओं ने भी बखान किया था।
संगम क्षेत्र में इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी असम से आई मधुमिता ने बताया कि संगम घाट पर लोग सुबह होने के इंतजार में बैठे और लेटे थे। तभी लोगों की भीड़ अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बने अवरोधकों को तोड़ते हुए घाट की तरफ बढ़ी और घाट पर लेटे हुए लोग इस भीड़ की चपेट में आ गए।
झारखंड के पलामू से आए राम सुमिरन ने भगदड़ की घटना को लेकर कहा कि 144 साल बाद यह पुण्य स्नान का अवसर आया है जिसे कोई भी गंवाना नहीं चाहता। यही वजह है कि देश दुनिया से लोग संगम के किनारे खुले आसमान के नीचे डेरा डालकर पड़े थे। तभी अवरोधक तोड़कर आए जनसैलाब के नीचे वे दब गए।
राम सुमिरन ने कहा कि अखाड़ों के नागा संन्यासियों का दर्शन करने की अभिलाषा से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर डटे रहे। मुझे लगता है कि बहुत भाग्यशाली हैं वे लोग जो गंगा के तट पर आकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि जो सोवत है, वो खोवत है। उठिए उठिए और स्नान करिए। आपके सुरक्षित रहने के लिए यह जरूरी है। बहुत लोग आएंगे और भगदड़ मचने की आशंका है। आप पहले आ गए हैं तो आपको सबसे पहले अमृत स्नान कर लेना चाहिए। सभी श्रद्धालुओं से करबद्ध निवेदन है कि उठें.. उठें.. उठें और स्नान करके वापस जाएं।
मोबाइल पर भगदड़ की घटना का समाचार आने के बावजूद मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है और चारों दिशाओं से श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार दोपहर 12 बजे तक 10 लाख कल्पवासियों समेत 4.24 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला शुरू होने से अब तक 20 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं। (भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta