1. रुद्राभिषेक: सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए: रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। इसमें विभिन्न पवित्र द्रव्यों से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है, जिससे सभी प्रकार के पाप और कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
कैसे करें रुद्राभिषेक और पूजा विधि व सामग्री: शिवलिंग, गंगाजल, गाय का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, इत्र, चंदन, बेलपत्र, धतूरा, भांग, आक के फूल, सफेद फूल, शमी पत्र, फल, मिठाई (मोदक/लड्डू), धूप, दीप।
1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. पूजा स्थल को साफ कर शिवलिंग स्थापित करें।
3. सबसे पहले शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
4. फिर दूध, दही, शहद, घी और शक्कर के पंचामृत से अभिषेक करें। प्रत्येक द्रव्य अर्पित करते समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते रहें।
5. पंचामृत के बाद पुनः शुद्ध जल से अभिषेक करें।
6. अब शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, आक के फूल, सफेद फूल, शमी पत्र, चंदन और भस्म अर्पित करें।
7. दीपक और धूप जलाएं।
8. मिठाई और फलों का भोग लगाएं।
9. 'महामृत्युंजय मंत्र'- 'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥' का 108 बार जाप करें। यह मंत्र आरोग्य, दीर्घायु और भय मुक्ति के लिए अत्यंत शक्तिशाली है।
10. अंत में आरती करें और भगवान शिव से अपनी मनोकामना कहें।
2. मानसिक शांति और सुरक्षा के लिए शिव चालीसा और मंत्र जाप: यदि आप विस्तृत पूजा या रुद्राभिषेक नहीं कर सकते, तो शिव चालीसा का पाठ और शिव मंत्रों का जाप करना भी अत्यंत फलदायी होता है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करता है।
कैसे करें पूजा, पढ़ें सामग्री: भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग, जल का लोटा, बेलपत्र, चंदन, धूप-दीप।
* विधि:
1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. भगवान शिव के सामने आसन बिछाकर बैठें।
3. एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित करें या भगवान शिव के चित्र के सामने रखें।
4. दीपक और धूप जलाएं।
5. कम से कम एक बार शिव चालीसा का पाठ करें।
6. इसके बाद 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। आप रुद्राक्ष की माला का उपयोग कर सकते हैं।
7. आप शिव तांडव स्तोत्र या रुद्राष्टकम का पाठ भी कर सकते हैं।
8. शांत मन से भगवान शिव का ध्यान करें।
लाभ: यह पूजा विधि मन को शांति देती है, भय दूर करती है, एकाग्रता बढ़ाती है और सभी कार्यों में सफलता दिलाती है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जिनके पास समय की कमी है या जो पहली बार व्रत कर रहे हैं।
कैसे करें पार्थिव शिवलिंग पूजा, जानें सामग्री: चिकनी तथा बिना कंकड़ की शुद्ध मिट्टी, गंगाजल या शुद्ध जल, बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, अक्षत, चंदन, भस्म, धूप, दीप, फल, मिठाई।
• विधि:
1. साफ-सुथरे स्थान पर बैठें।
2. शुद्ध मिट्टी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का निर्माण करें। कोशिश करें कि शिवलिंग उतना ही बड़ा हो जिसे आप आसानी से उठा सकें। साथ ही आप शिव परिवार गणेश जी, माता पार्वती, नंदी भी बना सकते हैं।
3. शिवलिंग निर्माण के बाद उसे एक साफ चौकी पर स्थापित करें।
4. विधि-विधान से उस पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक करें तथा रुद्राभिषेक- जल, दूध, दही, शहद, घी, शकर मिलाकर अभिषेक करें।
5. सभी पूजन सामग्री (बेलपत्र, धतूरा आदि) अर्पित करें।
6. 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
7. पूजा समाप्त होने पर अपनी मनोकामनाएं कहें।
8. पूजा के बाद इस पार्थिव शिवलिंग को किसी पवित्र नदी, तालाब या जलाशय में विसर्जित कर दें। इसे कभी भी घर में या कूड़े में नहीं फेंकना चाहिए।
चमत्कारिक लाभ: पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है, संतान प्राप्ति होती है, धन-धान्य में वृद्धि होती है और सभी प्रकार के पापों का शमन होता है। इसे स्वयं बनाने और विसर्जित करने का पुण्य कई गुणा बढ़ जाता है।
चाहे आप कोई भी पूजा विधि अपनाएं, एक बात का ध्यान रखें कि इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण आपकी श्रद्धा, भक्ति और पवित्र भावना है। भगवान शिव केवल भाव के भूखे हैं, और सच्चे मन से की गई आराधना ही उन्हें प्रसन्न करती है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ALSO READ: Sawan 2025: सावन सोमवार व्रत के दिन इस विधि से करें शिव की पूजा, जानिए शुभ संयोग और पूजन मुहूर्त