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Last Updated :कोलकाता , गुरुवार, 21 सितम्बर 2017 (22:14 IST)

गांगुली के सामने 'बैकफुट' पर आए सहवाग, कोच सेटिंग की बात मजाक में बोली

गांगुली के सामने 'बैकफुट' पर आए सहवाग, कोच सेटिंग की बात मजाक में बोली - Sourav Ganguly Virender Sehwag Bengal Cricket Association
कोलकाता। बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और भारतीय टीम के सबसे आक्रामक कप्तान रहे सौरव गांगुली के सामने आज वीरेन्द्र सहवाग ने स्वीकार किया कि उन्होंने भारतीय टीम का कोच न बन पाने के बाद यह बयान मजाक में दिया था कि मेरी सेटिंग नहीं थी वरना मैं भी कोच बन जाता...
 
टीवी 'कॉमेंट्री बॉक्स' से किस तरह खबरें बनती हैं, इसका प्रमाण गुरुवार को देखने को मिला, जब  भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में बल्लेबाजी कर रही थी और 15 ओवरों के बाद  हिंदी कॉमेंट्री बॉक्स में तीन दिग्गज सौरव गांगुली, वीरेन्द्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण एकसाथ बैठे।
 
ईडन गार्डन पर चल रहे मैच पर बोलने के बजाए सौरव गांगुली ने कहा, 'मैं जो बोलने जा रहा हूं हो  सकता है कि कल वो अखबारों की हेडलाइंस बन जाए...सब लोग ये सुन रहे हैं, यह बात तुम ध्यान  रखना।' गांगुली ने कहा, सहवाग बोर हो रहे थे, इसीलिए सुर्खियों में आने के लिए ये बयान दे दिया  कि मेरी भी सेटिंग होती तो मैं टीम इंडिया का कोच बन जाता...सहवाग ने इस पर कहा, दादा मैंने  तो यह बयान मजाक में दिया था, लेकिन लोगों ने इसे गंभीरता से ले लिया...
 
हंसते हुए सहवाग ने कहा कि दादा (गांगुली), मेरे इस बयान को तो मीडिया सुर्खियों में जरूर लाया  लेकिन इसके बाद के बयान और ट्‍वीट पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। मैंने बाद में यह भी कहा था  कि जब कप्तान मैच के 11 खिलाड़ी चुनता है तो वे सर्वश्रेष्ठ रहते हैं। समिति ने सोच-समझकर ही  टीम इंडिया का बेस्ट कोच चुना होगा...
 
ये वार्तालाप भले ही हंसी-मजाक में हुआ हो, लेकिन किसी भी व्यक्ति को बोलते वक्त यह ध्यान  रखना निहायत जरूरी होता है कि कमान से निकला तीर और जुबां से निकले बोल कभी वापस नहीं  आते। सहवाग ने चीफ कोच के लिए आवेदन दिया था और जब रवि शास्त्री का चयन कोच पद पर हो  गया, तब उन्होंने समाचार एजेंसियों को बाकायदा बयान देकर अपनी भड़ास निकाली थी। इस विवाद  के बाद पहली बार गांगुली और सहवाग एकसाथ किसी मंच पर आए थे। गांगुली ने यह साबित कर  दिया कि क्यों उन्हें 'क्रिकेट का दादा' कहा जाता है... 
 
सहवाग हरफनमौला हैं और कई बार ये भूल जाते हैं कि ऑन एयर वे क्या बोल रहे हैं। इसी तरह का  एक किस्सा और याद आ रहा है जब कॉमेंट्री बॉक्स में सहवाग के साथ महान क्रिकेटर सुनील  गावसकर थे। हिंदी कॉमेंट्री के दौरान सहवाग ने धीमी बल्लेबाजी का जिक्र छेड़ते हुए गावसकर से पूछ  लिया कि 60 ओवर के खेल में आपने कैसे केवल 36 रन बनाए थे?
 
गावसकर पहले तो सहवाग के इस सवाल पर कुछ पल के लिए अचंभित रह गए, क्‍योंकि उन्हें उम्मीद  नहीं थी कि सहवाग उनसे इस तरह का प्रश्न पूछ सकते हैं। गावसकर ने बजाए जवाब देने के कहा,  हम विषय बदलते हैं और मैच के बारे में अपने दर्शकों को बताते हैं...
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