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Last Modified: बुधवार, 18 जनवरी 2023 (18:53 IST)

Parakram Diwas: क्यों मनाया जाता है पराक्रम दिवस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस से क्या है इसका संबंध?

Parakram Diwas: क्यों मनाया जाता है पराक्रम दिवस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस से क्या है इसका संबंध? - Why Parakram Diwas is celebrated in india
आजाद हिन्द फौज के संस्थापक और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म दिन 23 जनवरी को पराक्रम दिवस (Parakram Diwas) के रूप में मनाया जाता है। 
 
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2021 में 23 जनवरी के दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती को पराक्रम दिवस के तहत मनाने की घोषणा की थी। नेताजी सुभाष की 125वीं जयंती से पहले उनके जन्मदिवस को को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। 
 
आजादी के महानायक नेताजी सुभाष बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना कर लोगों में स्वतंत्रता के प्रति चेतना जगाने का काम किया। यही कारण है कि उनकी देश के प्रति निस्वार्थ सेवा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने उनके जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।
 
नेताजी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर में आजाद हिंद फौज के सुप्रीम कमांडर के तौर पर सेना को संबोधित किया था। 21 अक्टूबर 1943 को उन्होंने स्वतंत्र भारत की पहली अस्थाई सरकार बनाई थी, जिसे जर्मनी, जापान फिलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, आयरलैंड समेत 11 देशों ने कानून मान्यता प्रदान की थी। 
 
सितंबर 2022 में प्रतिमा का लोकार्पण : प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर 2022 में इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया था।
 
प्रतिमा अनावरण के बाद प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज का 'ऐतिहासिक और अभूतपूर्व' अवसर गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है और न ही शुरुआत और अंत ही है। ये मन और मानस की आजादी का लक्ष्य हासिल करने तक निरंतर चलने वाली संकल्प यात्रा है।
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