लोकसभा चुनाव में क्यों नहीं गिने गए 10.58 लाख वोट? EC ने बताया कारण
Lok sabha elections 2024 News: लोकसभा चुनाव में 10.58 लाख वोटों को गिनती में ही शामिल नहीं किया गया। हालांकि चुनाव आयोग ने स्वयं इसका कारण बताया है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जो वोट गिनती में शामिल नहीं कि गए उनमें डाक मतपत्रों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के माध्यम से डाले गए वोट भी शामिल थे।
आयोग के मुताबिक जिन वोटों को गणना में शामिल नहीं किया गया या खारिज कर दिया, उनमें 5 लाख 35 हजार 825 डाक वोट थे और 5 लाख 22 हजार 513 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) में डाले गए वो शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में 2024 में विदेश में रहने वाले भारतीय मतदाताओं ने नाममात्र की दिलचस्पी ही दिखाई। 2019 के मुकाबले उनका मतदान प्रतिशत 25.64% से घटकर 2.47% रह गया।
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प्रवासी भारतीयों ने पंजीकरण में उत्साह दिखाया, लेकिन... : आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रवासी भारतीयों ने मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने में काफी उत्साह दिखाया और करीब 1.2 लाख लोगों ने मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बहुत कम लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने आए। 2024 में 1,19,374 पंजीकृत विदेशी मतदाता थे, लेकिन उनमें से केवल 2958 वोटर्स ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं, 2019 में कुल 99 हजार 844 विदेशी मतदाता थे। इनमें से 25,606 ने वोट डाला था।
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महाराष्ट्र में सिर्फ 17 ने ही किया मतदान : निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए केवल 2,958 प्रवासी मतदाता ही भारत आए। इनमें से 2,670 मतदाता अकेले केरल से थे। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कई बड़े राज्यों में प्रवासी मतदाताओं का मतदान में कोई योगदान नहीं देखा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में लोकसभा चुनाव में 885 प्रवासी मतदाताओं में से केवल दो ने ही मतदान किया। महाराष्ट्र में भी लगभग यही स्थिति रही, जहां 5,097 अनिवासी भारतीय (एनआरआई) मतदाताओं में से केवल 17 ने ही मतदान किया।
आंकड़े बताते हैं कि आंध्र प्रदेश में 7,927 पंजीकृत एनआरआई मतदाता थे, लेकिन केवल 195 ही वोट देने आए। असम में 19 पंजीकृत मतदाताओं में से किसी ने भी मतदान नहीं किया। बिहार में भी यही स्थिति रही, जहां 89 पंजीकृत प्रवासी मतदाताओं में से किसी ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। गोवा में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जहां 84 प्रवासी मतदाताओं में से किसी ने भी मतदान नहीं किया। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala