24 साल में पहली बार थोक महंगाई दर 15 फीसदी के पार, क्या होगा आम आदमी पर असर?
नई दिल्ली। खुदरा महंगाई दर की तरह ही थोक महंगाई दर भी तेजी से बढ़ रही है। 1998 के बाद पहली बार थोक महंगाई दर 15% के पार पहुंच गई। अप्रैल में फ्यूल और पॉवर में 38.66 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई तो मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों में 10.85 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान खाद्य वस्तुओं के दाम भी तेजी से बढ़े।
लगातार रिकॉर्ड तोड़ रही थोक महंगाई दर 24 साल पुराने लेवल पर पहुंच गई है। अप्रैल में यह 15.08% रही। दिसंबर 1998 के बाद पहली बार थोक महंगाई दर 15% के पार पहुंची है। दिसंबर 1998 में यह 15.32% पर थी।
इस दौरान सबसे ज्यादा महंगाई सब्जियों पर आई है। आलू के रेट 20% तक बढ़े हैं। तिलहन 16.10%, फल के रेट में 11% और गेहूं में 10% की बढ़ोतरी हुई है। दूध भी 5% महंगा हुआ है।
LPG के दाम 38.48 प्रतिशत बढ़ गए तो पिछले साल अप्रैल से अब तक पेट्रोल के थोक दामों में 60.63 फीसदी का इजाफा हुआ। हाई स्पीड डीजल में 66 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई।
फिलहाल डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर दिखाई दे रहा है। मंगलवार को 1 डॉलर का मूल्य 77.64 रुपए पर पहुंच गया। लगातार बढ़ रहे कच्चे तेल के दामों से रुपए में कमजोरी का रुख अभी जारी रह सकता है।