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  4. Who are Khalistanis, how did they become a big terrorist organization?
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Last Updated : गुरुवार, 5 मई 2022 (18:11 IST)

कौन हैं खालिस्‍तानी, कैसे बन गया बड़ा आतंकी संगठन और क्‍या चाहते हैं भारत से?

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पंजाब के करनाल से पुलिस ने विस्फोटकों के साथ 4 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया, ये सभी आतंकी करनाल से पकड़ाए हैं। इनमें से 3 फिरोजपुर के हैं, जबकि एक लुधियाना का है। इनके कब्जे से 3 आईईडी, एक पिस्तौल तथा 31 कारतूस बरामद किए हैं। ये सभी आतंकी इनोवा से महाराष्ट्र के नांदेड़ जा रहे थे और बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे।

खुलासा हुआ है कि बब्बर खालसा के इन आतंकियों के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं। इन्हें ड्रोन के ‍जरिए पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा ने हथियार पहुंचाए थे। इस बडी घटना के खुलासे के बाद एक बार फिर से खालिस्‍तान आतंकी संगठन चर्चा में आ गया है।

आइए जानते हैं कौन हैं खालिस्‍तानी, क्‍या है इनका इतिहास और किस तरह से यह आतंकी संगठनों के रूप में फैले हुए हैं।

कब शुरू हुआ खालिस्तान आंदोलन’?
बात साल 1947 की है, जब अंग्रेज भारत को दो देशों में बांटने की योजना बना रहे थे, तभी कुछ सिख नेताओं ने अपने लिए अलग देश खालिस्तान की मांग की। उन्हें लगा कि अपने अलग मुल्क की मांग करने के लिए ये सबसे सही वक्‍त है। भारत से अलग होकर पाकिस्‍तान तो बन गया, लेकिन खालिस्‍तान नहीं बन सका। आजादी के बाद इसे लेकर कई हिंसक आंदोलन हुए, जिसमें कई लोगों की जान भी गई।

पंजाबी सूबा और अकाली दल का उदय
साल 1950 में अकाली दल ने पंजाबी सूबा आंदोलन के नाम से आंदोलन चलाया। भारत सरकार ने साफतौर पर पंजाब को अलग करने से मना कर दिया। ये पहला मौका था जब पंजाब को भाषा के आधार पर अलग दिखाने की कोशिश हुई। अकाली दल का जन्म हुआ। कुछ ही वक्त में इस पार्टी ने बेशुमार लोकप्रियता हासिल कर ली। अलग पंजाब के लिए जबरदस्त प्रदर्शन शुरू हुए।
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सरकार ने बात मानी
1966 में भारत सरकार ने पंजाब को अलग राज्य बनाने की मांग मान ली, लेकिन भाषा के आधार पर हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शाषित प्रदेश चंडीगढ़ की स्थापना हुई। अकाली चाहते थे कि पंजाब की नदियों का पानी किसी भी हाल में हरियाणा और हिमाचल को नहीं दिया जाए। सरकार ने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया।

कब खालिस्तान नाम आया सामने?
अलग सिख देश की आवाज लगातार उठती रही। आंदोलन भी होता रहा। 1970 के दशक में खालिस्तान को लेकर कई घटनाएं हुईं। 1971 में जगजीत सिंह चौहान ने अमेरिका जाकर वहां के अखबार में खालिस्तान राष्ट्र के तौर पर एक पेज का विज्ञापन प्रकाशित कराया और इस आंदोलन को मजबूत करने के लिए चंदा मांगा। बाद में 1980 में उसने खालिस्तान राष्ट्रीय परिषद बनाई और उसका मुखिया बन गया। लंदन में उसने खालिस्तान का देश का डाक टिकट भी जारी किया।

इससे पहले 1978 में जगजीत सिंह चौहान ने अकालियों के साथ मिलकर आनंदपुर साहिब के नाम संकल्प पत्र जारी किया, जो अलग खालिस्तान देश को लेकर था।

भिंडरावाले का उदय
80 के दशक में खालिस्तान आंदोलन पूरे उभार पर था। उसे विदेशों में रहने वाले सिखों के जरिए वित्तीय और नैतिक समर्थन मिल रहा था। इसी दौरान पंजाब में जनरैल सिंह भिंडरावाले खालिस्तान के सबसे मजबूत नेता के रूप में उभरा। उसने स्वर्ण मंदिर के हरमंदिर साहिब को अपनी गतिविधियों का केंद्र बनाया। उसने अपने साथियों के जरिए पूरे पंजाब में इस आंदोलन को खासा उग्र कर दिया। तब ये स्वायत्त खालिस्तान आंदोलन अकालियों के हाथ से निकल गया।

आपरेशन ब्लू स्टार
पहले 'ऑपरेशन सनडाउन' बनाया गया, 200 कमांडोज को इसके लिए ट्रेनिंग दी गई। लेकिन बाद में आम नागरिकों को ज्यादा नुकसान की आशंका के चलते इस ऑपरेशन को नकार दिया गया। आखिरकार एक जून 1984 में भारत सरकार ने आपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम देकर सैन्य कार्रवाई की और इस आंदोलन को कुचल दिया।

84 के बाद खालिस्तान आंदोलन
खालिस्तान आंदोलन यहीं खत्म नहीं हुआ, इसके बाद से कई छोटे-बड़े संगठन बने। 23 जून 1985 को एक सिख राष्ट्रवादी ने एयर इंडिया के विमान में विस्फोट किया, 329 लोगों की मौत हुई थी। दोषी ने इसे भिंडरवाला की मौत का बदला बताया।

10 अगस्त 1986 को पूर्व आर्मी चीफ जनरल एएस वैद्य की दो बाइक सवार बदमाशों ने हत्या कर दी। वैद्य ने ऑपरेशन ब्लूस्टार को लीड किया था। इस वारदात की जिम्मेदारी खालिस्तान कमांडो फोर्स नाम के एक संगठन ने ली।

31 अगस्‍त 1995 को पंजाब सिविल सचिवालय के पास हुए बम विस्फोट में पंजाब के तत्कालीन सीएम बेअंत सिंह की हत्‍या कर दी गई थी। ब्लास्ट में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

इन सब घटनाओं को खालिस्तान आंदोलन से जोड़कर देखा जाता है। कई दूसरे देशों में बैठकर भी खालिस्तान समर्थक भारत में कट्टरवादी विचारधारा को हवा देते रहते हैं।
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खालिस्‍तान के बारे में तथ्‍य
  • 1971: जगजीत सिंह चौहान ने अमेरिकी अखबार में खालिस्‍तान राष्‍ट्र के तौर पर विज्ञापन दिया
  • 1980: खालिस्‍तान राष्‍ट्रीय परिषद बनाया गया
  • लंदन में खालिस्‍तान को राष्‍ट्र माना और डाक टिकट जारी किया गया
  • विदेशों में रहने वाले सिखों ने आर्थिक मदद दी
  • भिंडरावाला के उदय के बाद ऑपरेशन ब्‍लू स्‍टार को अंजाम दिया गय
सक्रिय आतंकी ऑर्गनाइजेशन
बब्‍बर खासला इंटरनेशनल
वाधवा सिंह (चीफ)
खालिस्‍तान टाइगर्स फोर्स
जगतार सिंह तारा (चीफ)
इंटरनेशनल सिख यूथ फडरेशन
लखबीर सिंह रोडे (चीफ)
खालिस्‍तान जिंदाबाद फोर्स
रणजीत सिंह नीता (चीफ)

कुछ दूसरे संगठन
  • खालिस्‍तान कमांडो फोर्स
  • भिंडरावाला कमांडो फोर्स ऑफ खालिस्‍तान
  • खालिस्‍तान लिबरेशन फोर्स
  • खालिस्‍तान लिबरेशन आर्मी
  • शहीद खालसा फोर्स
खालिस्‍तान का आतंक
  • डीआईजी अटवाल की स्‍वर्ण मंदिर में हत्‍या
  • ऑपरेशन ब्‍लू स्‍टार में सेना के खिलाफ कार्रवाई
  • एयर इंडिया विमान को विस्‍फोट से उड़ाया
  • पूर्व आर्मी चीफ जनरल एएस वैद्य की हत्‍या
  • मुख्‍यमंत्री बेअंत सिंह की हत्‍या
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