बीते मंगलवार ट्विटर पर एक हैशटैग घंटों तक ट्रेंडिंग लिस्ट में रहा। देखते ही देखते 50 लाख से ज्यादा लोगों ने इस हैशटैग पर अपने विचार रखना शुरू किए और सोशल मीडिया दो भागों में बंट गया। हैशटैग का नाम था 'Homi Bhabha' और इसका संबंध था भारत के जाने माने वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत के साथ। इस मामले की शुरुआत हुई एक किताब के दो पन्नों के वायरल होने के बाद, जिनमें कथित तौर पर ये लिखा गया था कि इन दोनों हस्तियों की मौत के पीछे अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के हाथ था।
जिस किताब के दो पन्नों ने विवाद को शुरू किया, उसका नाम है 'Conversations with the Crow'। 2013 में रिलीज हुई इस किताब को लिखा था अमेरिकी लेखक ग्रेगोरी डगलस ने। पिछले दिनों इस कितान के दो पन्ने बहुत वायरल हुए, जिनमें CIA के तत्कालीन सेकंड-इन-कमांड रॉबर्ट क्राउली के बयानों का उल्लेख किया गया था। सालों पहले रॉबर्ट और ग्रेगोरी डगलस के बीच हुए इस साक्षात्कार में रॉबर्ट ने कुछ चौंका देने वाले दावे किए।
अमेरिका के लिए खतरा थे भाभा - रॉबर्ट क्राउली
हम सभी ये जानते हैं कि होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु एक प्लेन हादसे में हुई थी। लेकिन रॉबर्ट क्राउली ने बताया कि गायों से प्यार करने वाले भारतीय इस बात को लेकर डींगे हांकते थे कि वो कितने चालाक हैं। इस बीच रॉबर्ट ने एक व्यक्ति को जोकर कहकर संबोधित किया। रॉबर्ट के अनुसार उस भारतीय ने यह ठान लिया था कि वह भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाकर रहेगा। उसका नाम 'होमी भाभा' था। वो एक शख्स अमेरिका की सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक था। लेकिन, एक दुर्भाग्यपूर्ण विमान दुर्घटना में उसका निधन हो गया।
क्राउली ने कहा कि ये व्यक्ति अमेरिका की परेशानी बढ़ाने के लिए विएना जा रहा था। हम चाहते तो उसे विएना के ऊपर भी उड़ा सकते थे, लेकिन हमने ये तय किया कि प्लेन में धमाका होने के बाद टुकड़ों के नीचे आने के लिए आल्प्स की पहाड़ियां बेहतर जगह साबित होगी।
इसी तरह लाल बहादुर शास्त्री को भी बनाया निशाना:
रॉबर्ट ने इस टेलीफोन इंटरव्यू में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि एक और गाय प्रेमी लाल बहादुर शास्त्री को भी हमने ऐसे ही रास्ते से हटाया। रॉबर्ट के अनुसार - CIA ने इन दोनों की कथित हत्या को अंजाम इसलिए दिया क्योंकि अमेरिका भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम को कमजोर करना चाहता था। रॉबर्ट ने माना कि होमी भाभा एक बुद्धिमान व्यक्ति थे। वे भारत के परमाणु प्रोग्राम को लेकर बहुत मेहनत कर रहे थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री इस काम में उनकी हर संभव मदद कर रहे थे। इसलिए CIA ने उन दोनों को किनारे कर दिया। बता दें कि होमी जहांगीर भाभा और लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु में महज 13 दिन का ही अंतर था।
भारत में चावल की पैदावार खत्म करने के लिए बनाया था वायरस:
रॉबर्ट ने कहा कि CIA ने एक ऐसी बीमारी विकसित की थी, जिससे भारत में चावल की पैदावार को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता था। इसकी मदद से एशिया के नक्शे से चावल को मिटाने का प्लान था।
BARC के कई वैज्ञानिकों का अंत रहस्यमयी ढंग से हुआ
CIA के इतने बड़े पदाधिकारी द्वारा किसी इंटरव्यू में किए गए इन विवादास्पद दावों ने ट्विटर को दो भागों में विभाजित करके रख दिया। एक यूजर ने लिखा कि अमेरिका ये सुन ले कि यही गाय प्रेमी एक दिन पूरी दुनिया पर राज करेंगे। एक और यूजर लिखते हैं कि होमी भाभा प्लान क्रैश में मारे गए, विक्रम साराभाई होटल रूम में और नम्बी नारायण को झूठे इल्जामों के फंसा दिया गया। Bhabha Atomic Research Centre से जुड़े कई वैज्ञानिकों का अंत रहस्यमयी ढंग से हुआ। ऐसी और कई अनकही कहानियां ये बताती हैं कि किस तरह भारत विरोधी तत्वों ने भारत के विकास की गति को कम करना चाहा और वर्तमान में भी कर रहे हैं।
'दी ताशकंद फाइल्स' में कही गई थी ये बात:
एक यूजर ने इस मामले पर दूसरा पक्ष रखते हुए कहा कि कुछ लोग 10 साल पुरानी किताब के पन्नों को पढ़कर बेवजह विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। लाल बहादुर शास्त्री और होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु को लेकर इसके पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं। साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म 'दी ताशकंद फाइल्स' में भी इस किताब का उल्लेख करते हुए इन दोनों की कथित हत्या में CIA का हाथ होने की बात कही गई थी।
शास्त्री के बेटे ने प्रधानमंत्री मोदी से की जांच की अपील:
इस वायरल पोस्ट पर लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि इस मामले को संज्ञान में लेकर इसकी जांच की जाए। शास्त्री जी की मौत को लेकर तो बहुत दिनों से शंका है ही और इस शंका को दूर करने के लिए उनकी मौत से संबंधित दस्तावेजों का खुलासा किया जाना चाहिए।