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Last Updated : रविवार, 7 फ़रवरी 2021 (20:53 IST)

Glacier Burst in uttrakhand: CM त्रिवेंद्र रावत का ऐलान, आपदा में शिकार होने वाले लोगों के परिवार को मिलेगा 4-4 लाख का मुआवजा

Glacier Burst in uttrakhand: CM त्रिवेंद्र रावत का ऐलान, आपदा में शिकार होने वाले लोगों के परिवार को मिलेगा 4-4 लाख का मुआवजा - Uttarakhand, Chamoli, glacier, Joshimath, Uttarakhand flood, uttrakhand news, joshimath news, Rishi Ganga power project, उत्तराखंड, चमौली, जोशी मठ, ऋषि गंगा, उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा
देहरादून/गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को अचानक आई विकराल बाढ से 2 पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे 125 से ज्यादा मजदूर लापता हो गए। प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेकर लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रसिंह रावत ने देहरादून में बताया कि अभी तक आपदा में 7 व्यक्तियों के शव बरामद हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और पुलिस के जवान बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं और तपोवन क्षेत्र में स्थित जिन दो सुरंगों में मजदूर फंसे हुए हैं वहां मुस्तैदी से बचाव कार्य चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए का मुआवजा देने की भी घोषणा की। इस बीच एक सुरंग में फंसे सभी 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। आइटीबीपी, औली के डिप्टी कमांडेंट एसएस बुटोला ने बताया कि सुरंग में फंसे 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

हालांकि  बाढ़ आने का कारण तत्काल पता नहीं चल पाया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि हिमखंड टूटने से नदी में बाढ़ आ गई। बाढ़ आने के समय 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा परियोजना और एनटीपीसी की 480 मेगावाट तपोवन—विष्णुगाड परियोजना में लगभग 176 मजदूर काम कर रहे थे जिसकी पुष्टि मुख्यमंत्री रावत ने स्वयं की। इनके अलावा ऋषिगंगा परियोजना में डयूटी कर रहे दो पुलिसकर्मी भी लापता हैं।
हालांकि, इन 176 मजदूरों में से कुछ लोग भाग कर बाहर आ गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अनुमान के तहत लापता लोग सवा सौ के आसपास हो सकते हैं या इससे ज्यादा भी हो सकते हैं। जो कंपनी के लोग हैं वे भी कागज लापता होने की वजह से ज्यादा बता पाने की स्थिति में नहीं हैं।

बाढ़ से दोनों पनबिजली परियोजनाओं को भारी नुकसान हुआ है। दोनों परियोजनाओं के शीर्ष अधिकारी नुकसान का आंकलन करने में जुट गए हैं। शाम होते—होते बाढ़ग्रस्त ऋषिगंगा नदी में पानी में भारी कमी आई जिससे चेतावनी वाली स्थिति समाप्त हो गई। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि अब खतरे की स्थिति नहीं है और अलकनंदा नदी में जलस्तर सामान्य है।

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में आई बाढ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदी ने विकराल रूप घारण कर लिया था जिससे गढ़वाल क्षेत्र के कई हिस्सों में दहशत का माहौल पैदा गया था।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रातः अचानक जोर जोर की आवाजों के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता दिखा। पानी तूफान की शक्ल में आगे बढ़ रहा था और वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहाकर ले गया। रैंणी में एक मोटर मार्ग तथा चार झूला पुल बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं।

सात गांवों का संपर्क टूट गया है जहां राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य सेना के हैलीकॉप्टरों के जरिए किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना के सी-130 और एएन32 विमानों की मदद से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मियों को प्रभावित इलाकों तक पहुंचाया गया है। (भाषा)
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