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Last Updated : रविवार, 7 फ़रवरी 2021 (19:03 IST)

'देवभूमि' उत्तराखंड में इससे पहले भी दिख चुका है तबाही का मंजर, जानें कब-कब आईं प्राकृतिक आपदाएं

Uttarakhand | 'देवभूमि' उत्तराखंड में इससे पहले भी दिख चुका है तबाही का मंजर, जानें कब-कब आईं प्राकृतिक आपदाएं
नई दिल्ली। उत्तराखंड में पिछले 3 दशक में आईं प्राकृतिक आपदाएं इस प्रकार हैं-

वर्ष 1991 उत्तरकाशी भूकंप : अविभाजित उत्तरप्रदेश में अक्टूबर 1991 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। इस आपदा में कम से कम 768 लोगों की मौत हुई और हजारों घर तबाह हो गए।
 
वर्ष 1998 माल्पा भूस्खलन : पिथौरागढ़ जिले का छोटा-सा गांव माल्पा भूस्खलन के चलते बर्बाद हुआ। इस हादसे में 55 कैलाश मानसरोवर श्रद्धालुओं समेत करीब 255 लोगों की मौत हुई। भूस्खलन से गिरे मलबे के चलते शारदा नदी बाधित हो गई थी।
 
वर्ष 1999 चमोली भूकंप : चमोली जिले में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप ने 100 से अधिक लोगों की जान ले ली। पड़ोसी जिले रुद्रप्रयाग में भारी नुकसान हुआ था। भूकंप के चलते सड़कों एवं जमीन में दरारें आ गई थीं।
 
वर्ष 2013 उत्तर भारत बाढ़ : जून में 1 ही दिन में बादल फटने की कई घटनाओं के चलते भारी बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई थीं।
 

राज्य सरकार के आकलन के मुताबिक माना जाता है कि 5,700 से अधिक लोग इस आपदा में जान गंवा बैठे थे। सड़कों एवं पुलों के ध्वस्त हो जाने के कारण चारधाम को जाने वाली घाटियों में 3 लाख से अधिक लोग फंस गए थे। (भाषा)
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