शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Supreme Court gave important instructions regarding punishment
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 19 अगस्त 2022 (17:26 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम निर्देश, सजा बढ़ाने से पहले आरोपियों को दें नोटिस

Supreme court
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि उच्च न्यायालयों को सजा बढ़ाने से पहले आरोपियों को नोटिस देना जरूरी है ताकि उन्हें अपने बचाव का मौका मिल सके। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें हत्या के एक मामले में अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
 
शीर्ष अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपील के माध्यम से अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी थी। पीठ ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि राज्य ने अपीलकर्ताओं को मौत की सजा नहीं देने के सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती नहीं दी।
 
पीठ ने कहा कि निस्संदेह उच्च न्यायालय स्वत: संज्ञान से अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकता था और सजा को बढ़ा सकता था। हालांकि ऐसा करने से पहले उच्च न्यायालय को अपीलकर्ताओं को नोटिस देना आवश्यक था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले और आदेश के परिणामस्वरूप, अपीलकर्ताओं को अपने मामले का बचाव करने का अवसर दिए बिना उनकी सजा को बढ़ा दिया गया।
 
शीर्ष अदालत राजस्थान उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसे 2 आरोपियों द्वारा दायर किया गया है। उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि अपीलकर्ता के खिलाफ मामला 'दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों' की श्रेणी में आता है।
 
आदेश में कहा गया था कि निचली अदालत मामले के 'दुर्लभ से दुर्लभतम' की श्रेणी में होने के संबंध में विचार करने में विफल रही। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि अपीलकर्ताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत दंडनीय अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी।(भाषा)
ये भी पढ़ें
पंजाब की मंत्री नेत्र शिविर में करेंगी मरीजों की जांच, नि:शुल्क मिलेगी दवा