तुर्किए पर भारत के तीखे तेवर, पाकिस्तान की हिमायत पड़ी भारी, विश्वविद्यालयों ने तोड़े रिश्ते, राजदूत समारोह स्थगित
Indias action on Turkey: भारत सरकार ने तुर्किए के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर तुर्किए की प्रमुख हवाई अड्डा सेवा कंपनी सेलेबी एविएशन की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है। इसके साथ ही, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई और अहमदाबाद हवाई अड्डों पर सेलेबी के साथ ग्राउंड हैंडलिंग साझेदारी को समाप्त कर दिया है। तुर्किए के नामित राजदूत अली एरसोय सहित 5 देशों के राजदूतों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को परिचय पत्र सौंपने का समारोह भी अचानक स्थगित कर दिया गया। तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने तुर्किए संस्थानों के साथ अपने समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को निलंबित कर दिया, जिनमें से दो ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा। ये कदम तुर्किए के पाकिस्तान समर्थक रुख के खिलाफ भारत की तीखी प्रतिक्रिया को दर्शाते हैं।
सेलेबी एविएशन पर कार्रवाई और अडानी की साझेदारी का अंत : 15 मई 2025 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घोषणा की कि तुर्किए की सेलेबी एविएशन और उसकी सहयोगी कंपनियों की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जा रही है। यह मंजूरी नवंबर 2022 में सेलेबी को ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी के रूप में दी गई थी, जो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई सहित नौ प्रमुख हवाई अड्डों पर कार्गो प्रबंधन, यात्री सेवाएं और उड़ान संचालन जैसे संवेदनशील कार्य संभालती थी। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में यह निर्णय लिया गया है।
इसके तुरंत बाद, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए मुंबई और अहमदाबाद हवाई अड्डों पर सेलेबी के साथ अपनी ग्राउंड हैंडलिंग साझेदारी समाप्त कर दी। अडानी समूह ने सेलेबी को सभी संचालन तत्काल 15 मई 2025 को X पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमने सेलेबी को सभी संचालन तत्काल प्रभाव से सौंपने के निर्देश दिए हैं। कर्मचारियों को मौजूदा शर्तों के साथ नई एजेंसियों में समायोजित किया जाएगा। यह कदम सरकार के फैसले के अनुरूप है और निजी क्षेत्र की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने कहा कि हमारे लिए राष्ट्र की सुरक्षा से ऊपर कुछ भी नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा गैर-परक्राम्य हैं। सेलेबी की भारतीय इकाई ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि वह एक भारतीय उद्यम है और इसके कर्मचारियों का बैकग्राउंड चेक BCAS द्वारा किया जाता है। हालांकि, तुर्किए का पाकिस्तान को सैन्य सहायता, विशेष रूप से ड्रोन आपूर्ति, और कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी रुख ने इस कंपनी को संदेह के घेरे में ला दिया।
राजदूत समारोह स्थगित, विश्वविद्यालयों ने तोड़े तुर्किए से रिश्ते : 15 मई को ही विदेश मंत्रालय ने तुर्किए के नामित राजदूत अली एरसोय सहित 5 देशों के राजदूतों के परिचय पत्र समारोह को स्थगित कर दिया। मंत्रालय ने इसे कार्यक्रम संबंधी मुद्दा बताया, लेकिन तुर्किए के खिलाफ अन्य कार्रवाइयों के समय को देखते हुए इसे कूटनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) सहित तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने तुर्किए के संस्थानों के साथ अपने एमओयू निलंबित कर दिए। JNU ने स्पष्ट रूप से इसे 'राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं' से जोड़ा।
तुर्किए का पाकिस्तान समर्थन भारत की नाराजगी का कारण : भारत की यह कार्रवाई तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के पाकिस्तान के प्रति खुले समर्थन के जवाब में देखी जा रही है। हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव, विशेष रूप से 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए, ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 6-7 मई को पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमला किया।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala