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Last Modified: शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024 (19:45 IST)

किसान नेता डल्लेवाल की स्थिति से सुप्रीम कोर्ट चिंतित, किसानों की सरकार को चेतावनी

Jagjit Singh Dallewal
Farmer leader Jagjit Singh Dallewals aamaran anashan: उच्चतम न्यायालय ने आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के जीवन और सुरक्षा को लेकर शुक्रवार को चिंता व्यक्त की और पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि वह उन्हें चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए।
 
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता के संबंध में शीर्ष अदालत के आदेश का पालन नहीं करने के कारण मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना ​​याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा कि अगर कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा होती है तो आपको इससे सख्ती से निपटना होगा। किसी का जीवन दांव पर है। आपको इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। चिकित्सा सहायता दी जानी चाहिए और ऐसा लगता है कि आप इसका पालन नहीं कर रहे हैं। ALSO READ: जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन कैसे होगा समाप्त, SKM ने रखी मांग
 
क्या कहा पंजाब के महाधिवक्ता ने : शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को 28 दिसंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायालय शनिवार को मामले में फिर से सुनवाई करेगा। न्यायालय ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सुनवाई के दौरान डिजिटल माध्यम से मौजूद रहने को कहा। सुनवाई के दौरान, पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब के डीजीपी के साथ 8 कैबिनेट मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के लिए मनाने के लिए विरोध स्थल पर गया था, लेकिन किसानों ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि हमने मौके पर ही सब कुछ उपलब्ध करा दिया है। यदि कोई धक्का-मुक्की होती है, तो हम वह जोखिम नहीं उठा सकते। ALSO READ: राहुल ने कहा, निर्दयी न बने सरकार, किसान नेता डल्लेवाल से बात करे
 
डल्लेवाल को बंधक नहीं रख सकते : पीठ ने हालांकि जवाब दिया कि हमें उन किसानों के बारे में गंभीर संदेह है, जो अपने जीवन के प्रति सचेत और चिंतित नहीं हैं। सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर 'बहुत गंभीरता से' काम कर रही है। जब पीठ ने पूछा कि क्या केंद्र राज्य सरकार को सहायता दे सकता है, तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उसके हस्तक्षेप से जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। मेहता ने कहा कि कुछ लोग उन्हें (डल्लेवाल को) बंधक नहीं रख सकते। एक व्यक्ति की जान खतरे में है। राज्य सरकार कदम उठा सकती है। 
बातचीत शुरू हो जाए तो... : पंजाब के अटॉर्नी जनरल ने पीठ को बताया कि जब मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल 24 दिसंबर को डल्लेवाल से मिलने गया था, तो उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र दिया था। सिंह ने कहा कि उनका कहना है कि यदि बातचीत शुरू हो जाए, तभी वह चिकित्सा सहायता में सहयोग करने को तैयार हैं। मेहता ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। डल्लेवाल फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं।
 
उच्चतम न्यायालय ने 20 दिसंबर को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने का निर्णय पंजाब सरकार के अधिकारियों और डॉक्टरों पर छोड़ दिया था। अदालत ने कहा था कि 70 वर्षीय डल्लेवाल को पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर विरोध स्थल से 700 मीटर के भीतर स्थापित अस्थायी अस्पताल में ले जाया जा सकता है।
 
कीटोन बॉडी रिजल्ट्स बहुत ज्यादा : इस बीच, किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने एक्स पर पोस्ट में कहा- आज (शुक्रवार, 27 दिसंबर) 32वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी का आमरण अनशन खनौरी मोर्चे पर जारी रहा। आज सरकारी एवम प्राइवेट डॉक्टरों की टीमों द्वारा कीटोन बॉडी टेस्ट की नवीनतम रिपोर्ट किसान नेताओं को सौंपी गई। दोनों रिपोर्ट्स में जगजीत सिंह डल्लेवाल जी के कीटोन बॉडी रिजल्ट्स बहुत ज्यादा हैं, प्राइवेट डॉक्टरों की रिपोर्ट में 6.8 और सरकारी डॉक्टरों की रिपोर्ट में 5.8 है जो सामान्य से बहुत ज्यादा है जो कि बहुत चिंताजनक है।
 
किसान नेताओं ने कहा कि नवीनतम रिपोर्ट्स ने साफ कर दिया है कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी का शरीर ही शरीर को अंदर से खा रहा है और लंबे अनशन की वजह से उनके शरीर का कीटोन लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया है। किसान नेताओं ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट में किसी व्यक्ति द्वारा कंटेम्प्ट एप्लीकेशन फ़ाइल करी गई, जिसकी सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के प्रतिनिधि सॉलिसिटर जनरल का रुख लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप नहीं था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि जगजीत सिंह डल्लेवाल जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को चिट्ठी लिख चुके हैं और केंद्र सरकार के दखल से स्थिति को तनावपूर्ण होने से रोका जा सकता है, लेकिन केंद्र सरकार के प्रतिनिधि का रुख बातचीत को लेकर सकारात्मक नहीं दिखा।
 
किसानों की चेतावनी : किसान नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पूरी दुनिया को संदेश देते हैं कि बड़े से बड़े मुद्दों का समाधान बातचीत से होगा, लेकिन केंद्र सरकार अपने देश के किसानों से बात करने को तैयार नहीं है। किसान नेताओं ने पुनः दोहराया कि यदि जगजीत सिंह डल्लेवाल जी के साथ कोई जोर-जबरदस्ती करने का प्रयास किया गया तो प्रशासन को हमारी लाशों के ऊपर से गुजरना पड़ेगा और किसी भी तरह का जानमाल का नुक्सान होता है तो उसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्र सरकार की होगी। किसान नेताओं ने सभी किसानों से अपील करी है कि वो अधिक से अधिक संख्या में मोर्चे पर पहुंचे। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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