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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 16 दिसंबर 2024 (16:31 IST)

युवाओं में बढ़ती ड्रग्स की लत पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, खुली चर्चा की जताई आवश्यकता

युवाओं में बढ़ती ड्रग्स की लत पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, खुली चर्चा की जताई आवश्यकता - Supreme Court expressed concern over increasing drug addiction among youth
Drug addiction : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को देश में अवैध मादक पदार्थ व्यापार पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इससे प्रभावित युवाओं को बुरा-भला कहने की बजाय उनके पुनर्वास की जरूरत है। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि नशीली दवाओं (illegal drugs) के इस्तेमाल को लांछन के तौर पर नहीं देखना चाहिए बल्कि इस मुद्दे से निपटने के लिए खुली चर्चा की आवश्यकता है।ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट का महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के विषय में केंद्र से दिशा निर्देश तैयार करने का अनुरोध
 
मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में हमारी चिंताएं : पीठ ने कहा कि भारत में मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में हमारी चिंताएं हैं। इससे होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल आतंकवाद को समर्थन देने और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। शैक्षणिक दबाव और पारिवारिक अशांति भी इसे बढ़ावा दे रही है जिससे दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक अस्थिरता पैदा हो रही है। साथियों का दबाव, पढ़ाई का तनाव और नशीली दवाओं की आसान उपलब्धता इसके इस्तेमाल के लिए प्रेरक बनती है। किशोर भी इसका इस्तेमाल मानसिक, भावनात्मक सुकून पाने के लिए करते हैं।ALSO READ: मंदिर-मस्जिदों का नहीं होगा सर्वे, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, केंद्र से मांगा हलफनामा
 
युवा नशीली दवाओं का सेवन न करें : पीठ ने कहा कि युवाओं को उन लोगों का अनुसरण नहीं करना चाहिए, जो नशीली दवाओं का सेवन करते हैं। नशीली दवाओं के सेवन के शिकार केवल वंचित वर्ग तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़े लोग भी इसके शिकार हैं। हमें उन लोगों को बुरा-भला नहीं कहना ​​चाहिए जिन्होंने इसका सेवन किया है, बल्कि ऐसे व्यक्तियों का पुनर्वास कराना चाहिए और उन्हें रचनाशील नागरिक बनाना चाहिए।
 
पीठ ने पाकिस्तान से भारत में 500 किलोग्राम हेरोइन की तस्करी के मामले में आरोपी व्यक्ति द्वारा दायर जमानत याचिका पर फैसला सुनाते समय यह टिप्पणी की।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta