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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 26 दिसंबर 2024 (16:43 IST)

जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन कैसे होगा समाप्त, SKM ने रखीं मांग

Jagjit singh Dallewal
Jagjit Singh Dallewal News in hindi : किसानों के प्रदर्शन और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उनसे संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिलने का समय देने का अनुरोध किया है। एसकेएम ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि वे डल्लेवाल (70) के अनशन से जुड़ी स्थिति और अन्य ‘जरूरी मुद्दों’ का समाधान चाहते हैं, जिसमें कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचा पेश करना भी शामिल है।
 
किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली कूच से रोके जाने के बाद 13 फरवरी से एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
101 किसानों का प्रदर्शन : किसानों के एक जत्थे में शामिल 101 प्रदर्शनकारी किसानों ने 6 से 14 दिसंबर के बीच तीन बार पैदल दिल्ली तक मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
 
राष्ट्रपति को संबोधित 25 दिसंबर को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘‘एसकेएम का एक प्रतिनिधिमंडल आपसे जल्द से जल्द मिलने का अनुरोध करता है, ताकि देश भर में किसानों के बीच बढ़ती अशांति और खतरनाक स्थिति के बारे में अपनी चिंताओं से आपको अवगत करा सकें।’’
 
एसकेएम ने कहा कि 500 ​​से अधिक जिलों के किसानों ने जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपे हैं, जिसमें लंबे समय से की जा रही उनकी मांगों पर केंद्र सरकार और सभी किसान संगठनों के बीच चर्चा को सुगम बनाने के लिए उनसे ‘‘तत्काल हस्तक्षेप’’ करने का आग्रह किया गया है।
 
डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं और केंद्र से फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित किसानों की मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। उनका इलाज कर रहे एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के चिकित्सक के अनुसार, वह केवल पानी पी रहे हैं और उनकी हालत ‘‘गंभीर’’ है।
 
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों एवं खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों को नहीं बढ़ाने, किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने तथा 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’ की मांग कर रहे हैं। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma