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Last Modified: श्रीनगर , रविवार, 11 जून 2023 (18:56 IST)

Jammu Kashmir : आतंकी नेटवर्क में महिलाओं और बच्चों को शामिल कर रही Pakistan की खुफिया एजेंसी ISI भारतीय सेना का बड़ा खुलासा

Jammu Kashmir : आतंकी नेटवर्क में महिलाओं और बच्चों को शामिल कर रही Pakistan की खुफिया एजेंसी ISI भारतीय सेना का बड़ा खुलासा - srinagar indian army exposes pakistan isi dangerous move to involve women juveniles in terror network
Jammu Kashmir News :  कश्मीर घाटी में आतंकियों द्वारा संचार के पारंपरिक साधनों के इस्तेमाल में कमी आने के बीच पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी समूहों के प्रमुखों द्वारा हथियार और संदेश ले जाने के लिए महिलाओं तथा किशोरों को शामिल करने की एक ‘खतरनाक साजिश’ उजागर हुई है। श्रीनगर स्थित 15वीं कोर या चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने कहा कि सुरक्षा बलों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि नियंत्रण रेखा (LOC) के पार बैठे लोग मौजूदा शांतिपूर्ण हालात को बिगाड़ने की साजिश रचने में व्यस्त हैं।
 
लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने पीटीआई को बताया कि ‘आज का खतरा, जैसा कि मैं इसे देखता हूं, संदेश, मादक पदार्थ या कभी-कभी हथियार ले जाने में महिलाओं, लड़कियों और किशोरों को शामिल करना है। अब तक, सेना ने कुछ मामलों का पता लगाया है जो एक उभरती हुई प्रवृत्ति को उजागर करता है।
 
उन्होंने कहा कि ‘यह अपने आप में एक खतरनाक प्रवृति है जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और तंजीम (आतंकवादी समूहों) के प्रमुखों ने अपनाया है। हम अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इससे निपटने पर काम कर रहे हैं।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह है कि आतंकवादी समूहों ने मोबाइल संचार का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है, सैन्य अधिकारी ने कहा कि तकनीकी खुफिया स्तर पर सबूत काफी कम हो गए हैं। साथ ही, आतंकियों के संदेशवाहक के रूप में काम कर चुके कई लोगों को पकड़ा गया है।
 
सैन्य अधिकारी ने कहा कि ‘इसलिए, अब महिलाओं, लड़कियों और किशोरों को मुख्य रूप से संदेश ले जाने के विकल्प के रूप में शामिल किया गया है।
 
कट्टरपंथ से निजात दिलाने की रणनीति के तहत सेना ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के सहयोग से कई पहल की हैं जिनमें से एक ‘सही रास्ता’ कार्यक्रम है जो हाल के दिनों में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
 
उन्होंने कहा कि हम कश्मीर में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक लंबा सफर तय कर चुके हैं, लेकिन मैं अभी जीत का दावा करने से परहेज करूंगा क्योंकि हमें लगता है कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थायी शांति हासिल करने से पहले हर लाभ को पुख्ता करने की जरूरत है।
 
पाकिस्तान का नाम लिए बिना लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा कि चुनौती यह है कि पड़ोसी देश ने अपने इरादे नहीं त्यागे हैं और बार-बार पीर पंजाल के दोनों ओर परेशानी पैदा कर रहा है। उत्तरी कश्मीर के माछिल सेक्टर में घुसपैठ की हालिया कोशिश उसकी संलिप्तता का प्रमाण है।
 
उन्होंने जोर दिया कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की एजेंसियों समेत सभी सुरक्षा एजेंसियां दुश्मन के किसी भी नापाक मंसूबे को विफल करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के मामलों में कुछ कमी देखी गई है, लेकिन पीर पंजाल के दक्षिण के साथ-साथ पड़ोसी पंजाब में भी इस तरह के कुछ प्रयास हुए हैं।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी कीमत पर अपनी चौकसी में कमी नहीं आने देना है। राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है। हम इसे बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘हम सीमा पार से संभावित खतरों से अवगत हैं और इस लिहाज से अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं के अनुसार यह सुनिश्चित करते हैं कि सामूहिक प्रयासों के माध्यम से हासिल की गई वर्तमान शांति और सामान्य स्थिति को दुश्मन तत्वों द्वारा जोखिम में नहीं डाला जाए।’’
 
सैन्य अधिकारी ने कहा कि बढ़ते दबाव और खुफिया सूचना-आधारित अभियानों ने आतंकवादियों के हौसले को तोड़ दिया है और उनमें से अधिकांश या तो ‘‘घाटी से बाहर चले गए हैं या शांत पड़े हैं।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद का अदृश्य रूप चिंता का कारण है, हम इसे खत्म करने के लिए संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।’’ लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा, ‘‘स्थानीय या विदेशी आतंकवादियों की सही संख्या बता पाना मुश्किल है, लेकिन मेरे अनुमान के मुताबिक, यह निश्चित रूप से पिछले 33 सालों में सबसे कम है।’’
 
उन्होंने कहा कि इस साल कश्मीर में आतंकी हमले और आतंकवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ों में कमी देखी गई है जो एक सकारात्मक संकेत को दर्शाता है और सभी क्षेत्रों में शांति और सामान्य स्थिति की ओर शुभ संकेत देता है।
 
सैन्य अधिकारी ने कहा कि हिंसा के प्रति स्थानीय आबादी की भावनाओं में स्पष्ट बदलाव आया है जो बेहद सराहनीय है और ‘‘हमारे लिए चुनौती आने वाले समय में इसे बनाए रखना है।’’
 
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों और संबंधित सरकारी तंत्र के साथ जनता का विश्वास मजबूत करना समय की जरूरत है। लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा, ‘‘आखिरकार, अगर हम इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं, तो इसके लिए सहयोग को लेकर लोगों के शुक्रगुजार हैं।’’
 
सैन्य अधिकारी ने कहा कि बदलते सुरक्षा माहौल के आधार पर ‘‘हमने अपनी कार्यप्रणाली में भी बदलाव किया है तथा लोगों के अनुकूल अभियान पर जोर दिया है।’’ लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने हाल में घाटी में सफलतापूर्वक आयोजित जी-20 बैठक सुनिश्चित करने में सभी सुरक्षा बलों के बीच तालमेल की सराहना की। भाषा Edited By : Sudhir Sharma
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