पूर्ववर्ती सरकारों पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था, इसे कभी पूरा नहीं किया गया और उनकी सरकार ने इसे पूरा करने के वास्ते कदम उठाये।
I would be in Balrampur, Uttar Pradesh tomorrow, 11th December for a very special programme- inauguration of the Saryu Nahar National Project. This project will solve irrigation related problems in Eastern UP and help our hardworking farmers. https://t.co/FiEaGt1qDl
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, 'आपको जानकर हैरानी होगी कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पर 1978 में काम शुरू हुआ था लेकिन दशकों तक यह परियोजना कभी पूरी नहीं हुई। खर्च बढ़ गया और लोगों की परेशानी भी बढ़ गई। जो परियोजना चार दशक से अधूरी थी, उसे चार साल में पूरा किया गया है।'
You would be shocked to know that work on the Saryu Nahar National Project began in 1978 but for decades, the project was never completed. Costs increased and so did peoples woes.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2021
A project that was incomplete for four decades has been finished in four years.
परियोजना की खास बातें...
- बहराइच, श्रावस्ती एवं बलरामपुर से होकर गोरखपुर तक जा रही है 318 किलोमीटर लम्बी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना।
- इसे करीब 9,800 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
- इस परियोजना में घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लंबी मुख्य नहर बनाई गई और इससे 6,600 किलोमीटर की लिंक नहरों को जोड़श गया।
- नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
- किसानों के कल्याण और उनके सशक्तीकरण के साथ ही राष्ट्रीय महत्व की लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करने की प्रतिबद्धता की वजह से प्रधानमंत्री ने इस परियोजना पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
- वर्ष 2016 में इसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ले आए और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया। भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनों सहित अन्य समस्याओं का समाधान निकाला गया और इस महत्वपूर्ण परियोजना का काम 4 वर्षों के भीतर ही पूरा कर लिया गया।