गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. क्या तुम जानते हो?
  4. on 11th December bill passed for international yoga day by UN
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021 (12:06 IST)

संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 11 दिसंबर 2014 को स्वीकृति दी, जानिए योग का महत्व

संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 11 दिसंबर 2014 को स्वीकृति दी, जानिए योग का महत्व - on 11th December bill passed for international yoga day by UN
वक्त बहुत कुछ बदल गया है और वक्त बहुत बदल भी रहा है। एक वक्त था जब पुरानी सदी और नई सदी की बात की जाती थी लेकिन अब कोरोना के पहले और कोरोना के बाद की बात की जाती है। जिस दौरान योग का बहुत महत्व बढ़ा है। लेकिन इससे पहले जानेंगे अंतरराष्‍ट्रीय दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बात रखी थी। इसके बाद 11 दिसंबर 2014 को इसे मंजूरी दी गई। संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के रूप में मंजूरी मिली थी। पीएम मोदी द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत के साथ 90 दिन में पारित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी खास दिवस के लिए प्रस्‍ताव पारित करना सबसे कम समय में किया गया।

पहली बार 21 जून 2015 को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर योग दिवस मनाया जाता है।

आइए जानते हैं 21 जून को क्यों मनाया जाता है योग दिवस ?

दरअसल, 21 जून का दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है। और योग से मनुष्य स्‍वस्‍थ रहता है, योग दीर्घ जीवन प्रदान करता है। 21 जून को ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है।



योग का महत्व

देखा जाए तो कोरोना काल के दौरान लोगों में योग को लेकर जागरूकता बढ़ी है। और इसे कई लोगों ने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। हालांकि ऋषि-मुनियों के अनुसार योग 5 हजार वर्ष पुरानी विरासत है। योग की नींव महर्षि पतंजलि को माना जाता है। आज के वक्त में अलग-अलग बीमारियों के लिए मेडिसिन के साथ डॉक्टर भी योग करने की सलाह देते हैं। तनाव, डिप्रेशन, मन नहीं लगना, अनिद्रा, ध्‍यान शक्ति, जोड़ों में दर्द, गठिया बादी, शुगर, बीपी, बॉडी को फैट फ्री बनाने के लिए योग को प्राथमिकता दी जा रही है।  

फेफड़ों को स्‍वस्‍थ रखने, इम्युनिटी बढाने के लिए हर दिन योग करने की सलाह दी जाती है। आज के वक्त में पीसीओएस महिलाओं में आम समस्या बन गई है। उसे बहुत अधिक समस्या होती है तो किसी में साइड इफेक्ट नजर आते हैं। दवा के साथ योग करने की सलाह भी दी जाती है। हालांकि पीसीओएस के लिए आप किसी भी प्रकार का ट्रीटमेंट ले लें फिर चाहे एलोपेथिक हो, आयुर्वेदिक हो या होम्योपैथिक हो। योग करना बहुत जरूरी होता है।

इस बदलते दौर में अधिकतर युवा जिम ज्वाइन करते हैं, लेकिन तेजी से युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा  बढ़ रहा है। ऐसे में युवाओं का योग की तरफ रूख अधिक बढ़ गया है।

अगर आप बिना जिम के स्‍वस्‍थ रहना चाहते हैं तो अनुलोम-विलोम, प्राणायाम, मेडिटेशन और सूर्य नमस्कार करने की प्रमुखता से सलाह दी जाती है। इस तरह योग कोविड काल के बाद से नहीं करने वाले लोगों के भी जीवन का अहम हिस्सा बन गया है।


भारत के नाम दर्ज है योग में रिकॉर्ड

योग दिवस में योग कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ करीब 36 हजार लोगों 2015 में 21 जून को 35 मिनट तक योग करके दो गिनीज रिकॉर्ड बनाए थे। 35 मिनट तक दिल्‍ली में स्टेज पर 21 योगासन एक साथ किए थे। राजपथ पर समारोह आयोजित किया गया था। 44 देशों के लोगों द्वारा योग दिवस पर भाग लिया था।

ये भी पढ़ें
त्रिपुरा निकाय चुनाव के संदेश समझें भाजपा विरोधी