नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को हुई बैठक के बाद किसान नेताओं ने किसान आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया। यह आंदोलन 378 दिन तक चला। किसान 11 दिसंबर को घर वापसी करेंगे।
सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को पत्र भेजकर MSP पर कमेटी बनाने का वादा किया। साथ ही किसानों पर दर्ज मामले भी वापस लेने की घोषणा कर दी। पत्र मिलते ही सरकार ने आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर दिया।
सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को पत्र भेजकर MSP पर कमेटी बनाने का वादा किया। साथ ही किसानों पर दर्ज मामले भी वापस लेने की घोषणा कर दी। पत्र मिलते ही सरकार ने आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर दिया।
आंदोलन की अगुआई करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों ने अपना कार्यक्रम भी बना लिया है। जिसमें 11 दिसंबर को दिल्ली से पंजाब के लिए फतेह मार्च होगा। सिंघु और टिकरी बॉर्डर से किसान एकसाथ पंजाब के लिए वापस रवाना होंगे।Protesting farmers receive a letter from Govt of India, with promises of forming a committee on MSP and withdrawing cases against them immediately
— ANI (@ANI) December 9, 2021
"As far as the matter of compensation is concerned, UP and Haryana have given in-principle consent," it reads pic.twitter.com/CpIEJGFY4p
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर में जनता के नाम संबोधन में कृषि कानून की वापसी का ऐलान कर दिया था। इसके बाद संसद के दोनों सदनों से कानून वापसी का प्रस्ताव पास करा लिया और राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी।
उल्लेखनीय है कि वेबदुनिया ने किसान नेता शिवकुमार शर्मा 'कक्काजी' के हवाले से पहले ही बता दिया था कि आंदोलन जल्द ही खत्म हो सकता है। उन्होंने कहा था कि जब आंदोलन लंबे चलते है तो 100 फीसदी आप की बात मानी जाए यह भी नहीं होता है। अधिक से अधिक बातें मान ली जाए यह देखना पड़ता है। हलांकि एमएसपी पर कानूनी गारंटी के लिए कुछ समय सीमा भी तय होनी चाहिए।
'वेबदुनिया' से बातचीत में शिवकुमार शर्मा ने कहा था कि किसान आंदोलन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि आने वाली सरकारों को किसानों को लेकर कोई भी कानून बनाने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा। अब यह नहीं होगा कि किसानों को दरकिनार कर कोई भी कानून बना दिया जाए या कोई भी समझौता कर लिया जाए। किसान आंदोलन से किसान जागरूक होने के साथ-साथ संगठित हुआ है। इसके लिए हम मोदी जी धन्यवाद देना चाहता हूं कि काले कानून लाकर उन्होंने देश के किसानों को संगठित करने का काम किया है।