चीन की चाल का 'स्मार्ट' जवाब, लद्दाख में सैनिकों के लिए बने कैंप
लेह। भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में तैनात सभी सैनिकों के लिए आवास की पूरी व्यवस्था कर ली है ताकि कड़ाके की ठंड में उनकी अभियान क्षमता यथावत बनी रहे।
भारतीय सेना ने बुधवार को बताया कि तमाम सुविधाओं से युक्त परंपरागत स्मार्ट कैंप के अलावा बिजली, पानी, जगह को गर्म रखने की सुविधा, स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाओं से युक्त अत्याधुनिक आवासीय सुविधा की व्यवस्था की गई है।
उसने कहा कि अग्रिम पंक्ति में तैनात सैनिकों को तैनाती की रणनीतिक जरूरतों के मद्देनजर गर्म रहने वाले तंबुओं (टेंट) में रखा गया है। इसके अलावा किसी भी प्रकार की आपात जरूरत के लिए असैन्य निर्माण भी किया गया है।
बयान के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में तापमान शून्य से 30-40 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिरता है और नवंबर के बाद वहां 40 फुट तक बर्फ गिरती है। इसके अलावा, कुछ समय के लिए वहां तक का सड़क मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।
सेना ने बताया कि कड़ाके की ठंड में वहां तैनात सैनिकों की अभियान क्षमता को बनाए रखने के लिए भारतीय सेना ने सेक्टर में मौजूद सभी सैनिकों के आवास की व्यवस्था कर दी है। पूर्वी लद्दाख में मई से ही भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध की स्थिति है।
...और इधर पंजाब में भी तोहफा : पंजाब सरकार ने इस साल जून में लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए तीन सैनिकों के विवाहित भाइयों को नौकरी देने के लिए नियमों में बुधवार को रियायत दी।
दो सैनिक चीनी सैनिकों के साथ लड़ते हुए शहीद हुए जबकि तीसरे सैनिक की वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब एक नदी के नजदीक गश्त के दौरान जान गई थी। एक बयान के मुताबिक, सिपाही गुरतेज सिंह, सिपाही गुरबिंदर सिंह और लांसनायक सलीम खान के सर्वोच्च बलिदान को सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बाबत फैसला किया गया। नियमों के मुताबिक, ऐसे मामलों में परिवार के आश्रित सदस्य या करीबी रिश्तेदार को सरकारी नौकरी दी जाती है।