लोंगेवाला/जैसलमेर (राजस्थान)। भारत के दुश्मनों को स्पष्ट संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अगर भारत को आजमाया गया तो प्रचंड जवाब दिया जाएगा। मोदी 2014 में पदभार संभालने के बाद से ही हर दिवाली जवानों के साथ मनाते आये हैं। इस बार वे जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए लोंगेवाला चौकी आए।
अग्रिम चौकी, जो वर्ष 1971 की लड़ाई में संख्या के हिसाब से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सैनिकों द्वारा धूल चटाने की वजह से सैन्य किवदंती बन चुकी है, पर जवानों को संबोधित करते हुए मोदी ने नाम लिए बगैर चीन पर निशाना साधा और कहा कि आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान है। विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है और 18वीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि विस्तारवादी ताकतों के खिलाफ भारत प्रखर आवाज बन चुका है।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आज भारत आतंकियों और उनके आकाओं को उनके घर में घुसकर मारता है। इसे पड़ोसी देश में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ हवाई और सर्जिकल स्ट्राइक के संदर्भ में देखा जा रहा है।
उन्होंने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की सीमा की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती है। आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है।
मोदी ने कहा कि भारत दूसरों को समझने और उनके साथ आपसी समझ बनाने की नीति में विश्वास करता है लेकिन अगर उसे आजमाने की कोशिश की जाती है, तो इसका प्रचंड जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसे चुनौती देने वालों को करारा जवाब देने के लिए भारत में ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति है।
प्रधानमंत्री ने मजबूत क्षमता होने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भले ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग कितना ही आगे क्यों न बढ़ गया हो, समीकरण कितने ही बदल क्यों न गए हों, लेकिन हम कभी नहीं भूल सकते कि सतर्कता ही सुरक्षा की राह है, सजगता ही सुख-चैन का संबल है और सक्षमता से ही शांति का पुरस्कार है।
उन्होंने कहा कि दुनिया का इतिहास हमें ये बताता है कि केवल वही राष्ट्र सुरक्षित रहे हैं, वही राष्ट्र आगे बढ़े हैं जिनके भीतर आक्रांताओं का मुकाबला करने की क्षमता थी।
उन्होंने जवानों से कहा कि आपके इसी शौर्य को नमन करते हुये आज भारत के 130 करोड़ देशवासी आपके साथ मजबूती से खड़े हैं। आज हर भारतवासी को अपने सैनिकों की ताकत और शौर्य पर गर्व है। उन्हें आपकी अपराजेयता पर गर्व है।
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के दौरान चीन के वुहान से लोगों को बाहर निकालकर लाने के भारत के प्रयासों का भी जिक्र किया, जहां से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ था। उन्होंने कहा, 'हमारी वायुसेना वुहान (चीन) से लोगों को बाहर लाने में आगे-आगे रही। कुछ ऐसे देश थे, जिन्होंने अपने नागरिकों को वहीं फंसा रहने दिया। हमने न सिर्फ अपने लोगों को बाहर निकाला बल्कि हमारे देश के वायु सैन्य कर्मियों ने दूसरे देशों के नागरिकों की भी मदद की।
मोदी ने कहा कि सैनिकों के बीच आने के बाद ही उनकी दिवाली पूरी होती है। उन्होंने कहा, मैं दिवाली पर खुद को आप से दूर नहीं रख सकता, इसीलिए मैं यहां आपके साथ हूं। उन्होंने कहा कि जितना अधिक समय मैं आपके साथ बिताता हूं, देश की सेवा और रक्षा करने का मेरा संकल्प उतना मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि आपका बलिदान देश को अनुशासन और सेवा की भावना सिखाता है।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए उठाए गए कदमों और आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह से दोबारा शुरू करने की कोशिशों का उल्लेख किया।
मोदी ने जवानों से कहा कि आज के दिन मैं आपसे तीन आग्रह करना चाहता हूं। पहला कुछ न कुछ नवीन (इनोवेट) करने की आदत को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइए। दूसरा योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए। तीसरा अपनी मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, कम से कम एक भाषा जरूर सीखिए। आप देखिएगा, ये बातें आपमें एक नयी ऊर्जा का संचार करेंगी।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के आत्मनिर्भरता और वोकल फॉर लोकल अभियान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमारी सेनाओं ने निर्णय लिया है कि वे 100 से ज्यादा हथियारों और साजो-सामान को विदेश से नहीं मंगवाएगी जो सराहनीय है। लोंगेवाला की शानदार लड़ाई को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि इसे रणनीतिक योजना और सैन्य वीरता के उद्घोषों में हमेशा याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह समय था जब पाकिस्तान का कुरूप चेहरा उसकी सेना द्वारा उजागर हुआ जो बांग्लादेश की निर्दोष जनता को आतंकित और महिलाओं का शोषण कर रही थी। मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए पश्चिमी मोर्चा खोला लेकिन हमारी सेना ने माकूल जवाब दिया।
इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के पराक्रम को सलाम किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी जो इस युद्ध के नायक है। मोदी ने कहा कि वे अपनी बहादुरी से राष्ट्र दीप बन गए है। मोदी ने रेखांकित किया कि वर्ष 2021 में इस युद्ध की 50वीं सालगिरह है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध थल सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच अनुकरणीय समन्वय का उदाहरण था। भारत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को पराजित कर दिया था।
मोदी ने बाद में ट्वीट किया कि हर बार, हर त्योहार में, जब भी मैं आपके बीच आता हूं,जितना समय आपके बीच बिताता हूं,जितना आपके सुख-दुख में शामिल होता हूं, राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रसेवा का मेरा संकल्प उतना ही मजबूत होता जाता है।
प्रधानमंत्री ने लोंगेवाला दौरे की कई तस्वीरें भी अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए साझा की जिनमें एक तस्वीर में वह टैंक पर सवार दिख रहे हैं। मोदी ने जैसलमेर में हवाई योद्धाओं और सुरक्षा जवानों से भी संवाद किया।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि यह महत्वपूर्ण है कि हमारी आने वाली पीढ़ियां उस वीरता के बारे में जानें जो हमारे सैनिक और सुरक्षा बल, हमारी इलाके पर कुदृष्टि रख रहीं शक्तियों से भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिखाते हैं। इसके साथ ही मोदी ने लोंगेवाला स्थित युद्ध स्मारक की तस्वीर साझा की।
मोदी 2014 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही हर दिवाली अग्रिम चौकियों पर जाते हैं। पिछले साल वे राजौरी गए थे, 2018 में उत्तराखंड और 2017 में गुरेज गए थे। (भाषा)