2019 आम चुनाव के बाद लोकसभा में बदलेगा संख्या बल : शिवसेना
मुंबई। अगले आम चुनाव के बाद लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के संख्या बल में बदलाव की भविष्यवाणी करते हुए शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि उत्तरप्रदेश और बिहार उपचुनावों के परिणाम विपक्ष में उत्साह का संचार करेंगे। पार्टी का कहना है कि हालांकि विपक्ष के पास सत्तारुढ़ दल से टक्कर लेने के काबिल कोई नेता नहीं है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में लिखा है कि 2019 में होने वाले आम चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि से लड़ना होगा। अगले आम चुनावों से पहले भाजपा को उत्तरप्रदेश और बिहार में लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों से तगड़ा झटका लगा है। पार्टी को गोरखपुर, फूलपुर और अररिया तीनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है।
'सामना' ने लिखा है कि उपचुनाव का परिणाम विपक्ष को उत्साह से भर देगा। पार्टी का कहना है कि लोग अब अपनी कल्पना की दुनिया से बाहर आ रहे हैं। केंद्र और महाराष्ट्र सरकारों में भाजपा की गठबंधन सहयोगी शिवसेना का कहना है कि लोगों को अब एहसास हो गया है कि उनके साथ धोखा हुआ है। हालांकि विपक्ष के पास ऐसा नेतृत्व नहीं है, जो जनता में व्याप्त आक्रोश को हवा दे सके।
हालांकि शिवसेना ने अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों के बाद संसद में भाजपा और कांग्रेस की सदस्य संख्या में बदलाव आने की बात कही है। पार्टी का कहना है कि मोदी-शाह (भाजपा) की पार्टी के पास लोकसभा में फिलहाल 280 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास 50 सीटें भी नहीं हैं। यदि अन्य विपक्षी दलों को शामिल कर लिया जाए तो उनकी सम्मिलित सदस्य संख्या 150 भी नहीं पहुंचेगी। 2014 में यह स्थिति थी लेकिन 2019 में इसमें पक्का बदलाव होगा।
'सामना' ने लिखा है कि (कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गांधी का कद बढ़ रहा है लेकिन वे (राहुल गांधी) नेता नहीं हो सकते हैं। (राकांपा प्रमुख) शरद पवार, (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख) ममता बनर्जी और (बसपा सुप्रीमो) मायावती में प्रधानमंत्री बनने की लालसा पल रही है। शिवसेना का कहना है कि नरेन्द्र मोदी की छवि बड़े पर्दे के हीरो की तरह हो गई है, कांग्रेस अध्यक्ष को इस छवि से लड़ना होगा। (भाषा)