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Last Modified: शनिवार, 7 फ़रवरी 2015 (09:19 IST)

'आप' ने बुखारी का समर्थन ठुकराया

'आप' ने बुखारी का समर्थन ठुकराया - Shahi Imam Syed Ahmed Bukhari
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने शुक्रवार को मुसलमानों पर सांप्रदायिक ताकतों से गंभीर खतरा होने का हवाला देते हुए इस समुदाय से आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थन में वोट देने की अपील की। हालांकि आप ने इस समर्थन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह किसी भी प्रकार की जातीय या सांप्रदायिक राजनीति के विरूद्ध है।
 
बुखारी ने लोगों से अपील की कि वे आप को दिल्ली में ईमानदार एवं धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने में मदद करें। उन्होंने भाजपा पर देश और समाज को बांटने की कोशिश में लगे तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया।
 
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘देश सांपद्रायिकता के गंभीर खतरों का सामना कर रहा है और मुसलमान सांप्रदायिक ताकतों के निशाने पर हैं।’ उन्होंने लोगों से देश को विभाजनकारी ताकतों से बचाने के लिए आप का समर्थन करने का आह्वान किया।
 
आप नेता संजय सिंह ने कहा, ‘आप इमाम बुखारी की विचारधारा का समर्थन नहीं करती। हमें उनके समर्थन की जरूरत नहीं है।’
 
बुखारी ने कहा, ‘सांप्रदायिक ताकतों का विरोध करने, उन्हें आगे बढ़ने से रोकने तथा देश के संविधान की गरिमा की सुनिश्चित करने के लिए जरूरी उन उपायों पर हमें विचार करना है जिससे राष्ट्र का धर्मनिरपेक्ष तानाबाना अक्षुण्ण रहे।’ लोगों से आप को दिल्ली में ईमानदार एवं धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन में मदद करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमान तभी बचेंगे जब धर्मनिरपेक्षता बची रहेगी।
 
बुखारी के एक सहयोगी ने दावा किया कि आप ने अपने लिए समर्थन की मांग करते हुए इमाम से संपर्क किया था। आप नेता आशुतोष ने कहा कि पार्टी का बुखारी से कोई संबंध नहीं है।
 
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अपने बेटे की दस्तारबंदी में भारत के प्रधानमंत्री को आमंत्रित नहीं किया बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाया। आप प्रधानमंत्री से निराश हो सकते हैं, आपके उनके मतभेद हो सकते हैं लेकिन आपको उस पद का सम्मान करना होगा। आप सांप्रदायिक राजनीति के विरूद्ध है। आप उनके समर्थन एवं उनकी राजनीति को खारिज करती है।’ बुखारी ने अपने बेटे की दस्तारबंदी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एवं कई नेताओं को न्यौता देकर और प्रधानमंत्री मोदी को न्यौता न देकर पिछले साल अक्तूबर में विवाद पैदा कर दिया था।
 
किसी दल का नाम लिए बगैर आप नेता ने दावा किया कि कुछ ताकतें चुनाव से पहले लोगों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही हैं। आशुतोष ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की भी निंदा की जिन्होंने पहले मतदाताओं से आह्वान किया था कि यह चुनाव शासन एवं अराजकता के बीच चुनाव करने के लिए भाजपा और आप में मुकाबला है।
 
आशुतोष ने कहा, ‘मैं जेटली का प्रशंसक रहा हूं लेकिन पिछले दस दिनों में मैंने देखा है कि उनके पास बजट बनाने का भी वक्त नहीं है जो देश के लिए इतना महत्वपूर्ण है।’ इसी बीच भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने बुखारी के समर्थन पर कहा कि आप सांप्रदायिक आधार पर दिल्ली को बांट रही है। (भाषा)