गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Shah-Nadda's important meeting amid political crisis in Maharashtra
Written By
Last Updated : मंगलवार, 21 जून 2022 (14:03 IST)

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शाह-नड्‍डा की 'अहम' मुलाकात, BJP विधायकों को गुजरात भेजने की तैयारी

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शाह-नड्‍डा की 'अहम' मुलाकात, BJP विधायकों को गुजरात भेजने की तैयारी - Shah-Nadda's important meeting amid political crisis in Maharashtra
महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‍डा से मुलाकात की। ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर इन दोनों नेताओं की मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक तरफ शिवसेना के नेता और उद्धव सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे 11 विधायकों के साथ गुजरात में हैं, वहीं भाजपा ने भी शिवसेना के 'उलट दांव' से बचने के अपने 105 विधायकों को गुजरात भेजने की तैयारी कर ली है। इस बीच, पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी दिल्ली रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। 
 
दरअसल, शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की कथित नाराजगी को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में पैदा हुई ताजा हलचल के बीच शाह और नड्‍डा की मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। यह मुलाकात तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब ऐसी खबरें सामने आई हैं कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री शिंदे मुंबई में नहीं हैं बल्कि कुछ विधायकों के साथ गुजरात के सूरत शहर के एक होटल में वह डेरा डाले हुए हैं।
 
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है। सत्तारूढ़ गठबंध के पास 169 विधायक हैं, जबकि एनडीए के पास 113 विधायक हैं। ऐसे में भाजपा के लिए जोड़तोड़ कर सरकार बनाना आसान नहीं होगा। क्योंकि भाजपा जोड़तोड़ कर सरकार बनाने के मामले में पहले भी मुंह की खा चुकी है। 
 
मुंबई में नहीं एकनाथ : हालांकि शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे मुंबई में नहीं हैं, लेकिन उनके साथ संपर्क हो गया है। हालांकि, राउत ने शिंदे के साथ जाने वाले विधायकों की संख्या के बारे में विस्तार से नहीं बताया। एक दिन पहले ही सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी गठबंधन को महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों में हार से झटका लगा था। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एमवीए के घटक हैं। इससे पहले, राज्यसभा के चुनाव में भी सत्तारूढ़ गठबंधन को झटका लग चुका है।
 
इस बीच, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने ताजा राजनीतिक घटनाक्रमों के संबंध में मुंबई में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि पार्टी इन घटनाओं पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि ये घटनाएं किसी परिवर्तन का स्वरूप लेंगी।
 
महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने एक ट्वीट में कहा, ‘बहुत बढ़िया एकनाथ जी। आपने उचित समय पर उचित फैसला लिया है। नहीं तो आपका भी आनंद दीघे जैसा हश्र हो सकता था। दीघे शिवसेना के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वह महाराष्ट्र के ठाणे से थे। वर्ष 2001 में उनकी मृत्यु हो गई थी।
 
एक सप्ताह से उथल-पुथल : दूसरी ओर शिंदे से संपर्क नहीं हो पाने और पार्टी के कुछ विधायकों के साथ उनके गुजरात में स्पष्ट रूप से डेरा डालने के मद्देनजर, कांग्रेस की राज्य इकाई के एक मंत्री ने दावा किया कि शिवसेना में लगभग एक सप्ताह से उथल-पुथल चल रही है। कांग्रेस के मंत्री ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि शिंदे के पास शहरी विकास विभाग का जिम्मा है और वह उपमुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
 
सरकार को खतरा नहीं : बहरहाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एवं राज्य के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि महाराष्ट्र महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को कोई खतरा है। एमवीए में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं।
 
शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने सोमवार को विधान परिषद चुनाव में दो-दो सीट पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के दलित नेता चंद्रकांत हंडोरे चुनाव हार गए थे। राज्य में विपक्षी दल भाजपा ने उन सभी पांचों सीट पर जीत हासिल की, जिन पर उसने चुनाव लड़ा था।
ये भी पढ़ें
समृद्ध भारत के लिए हर नागरिक का स्वस्थ होना आवश्यक : स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया