मंगलवार, 1 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. sangeeta kaliya IPS
Written By
Last Updated : मंगलवार, 30 मार्च 2021 (14:22 IST)

छह नौकरि‍यां छोड़ी, फि‍र बनी आईपीएस... एक मंत्री ने कहा ‘गेटआउट’ तो ऐसे सुर्खि‍यों में आई पुलिस अफसर ‘संगीता कालिया’

sangeeta kalia
ऐसा फि‍ल्‍मों में ही होता है कि कोई पुलिस अफसर किसी नेता या मंत्री से पंगे ले लेता है। लेकिन हकीकत में अगर कोई महिला पुलिस अफसर किसी मंत्री से पंगा ले ले तो वे सोशल मीडि‍या में हीरो बन जाती हैं।

ऐसा ही कुछ हुआ है एक महिला आईपीएस अधि‍कारी के बारे में। इनका नाम है संगीता कालिया। संगीता भाजपा के एक मंत्री से उलझने के बाद काफी सुर्खियों में आ गईं हैं। जानते हैं कौन हैं ये दबंग अफसर संगीता कालिया।  

हरियाणा के भिवानी जिले की रहने वाली संगाती कालिया का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। संगीता कालिया के पिता धर्मपाल फतेहाबाद पुलिस विभाग में ही कारपेंटर थे। भिवानी से ही पढ़ाई-लिखाई करने वाली संगीता कालिया पढ़ाई-लिखाई में काफी तेज-तर्रार थीं।

संगीता के पिता अपनी बेटी को पढ़ा-लिखा कर अफसर बनाना चाहते थे और संगीता अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करती थीं। पढ़ाई पूरी करने के बाद संगीता ने सिविल सर्विसेज की तैयारी की। सिविस सर्विस की पहली परीक्षा उन्होंने साल 2005 में दी, हालांकि उनका चयन नहीं हो सका था। साल 2009 में संगीता ने फिर से यूपीएससी की एग्जाम दी। इस बार वह सफल रही।

उन्हें हरियाणा में आईपीएस कैडर मिला। संयोग ऐसा रहा कि ट्रेनिंग के बाद उन्हें उसी जिले का एसपी बनाया गया जहां कभी उनके पिता कारपेंटर हुआ करते थे।

संगीता कालिया ने एक बार कहा था कि टीवी पर आने वाली धारावाहिक उड़ान को देखने के बाद उन्हें सिविल सर्विस की प्रेरणा मिली। बताया जाता है पहले संगीता कालिया की नौकरी रेलवे में हुई थी। लेकिन सिविल सर्विस में नौकरी का सपना रखने वाली संगीता कालिया ने रेलवे की नौकरी छोड़ दी थी। इसी तरह उन्होंने कुल 6 नौकरियां छोड़ी थी।

फतेहाबाद में महिला थाना की बिल्डिंग बनवाने का श्रेय भी एसपी संगीता कालिया को ही जाता है। इसके अलावा कई ब्लाइंड मर्डर केस भी उनके नेतृत्व में फतेहाबाद पुलिस ने सुलझाएं हैं।

साल 2015 में जब संगीता कालिया फतेहाबाद में पुलिस अधीक्षक के तौर पर तैनात थीं तब उनकी हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ बहस हो गई थी। अनिल विज वहां के कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष थे।
27 नवंबर 2015 को एक शिकायत की सुनवाई के दौरान विज ने कालिया को गेट आउट कह दिया था। कालिया बाहर नहीं गई तो विज को खुद बैठक छोड़नी पड़ी थी। बाद में कालिया का तबादला कर दिया गया था। इसके बाद साल 2018 में भी अनिल विज के साथ एक बैठक में संगीता कालिया नहीं आई थीं। इसे लेकर भी काफी विवाद हुआ था।
ये भी पढ़ें
पश्चिम बंगाल को घुसपैठ नहीं सीएए चाहिए, नंदीग्राम में गरजे अमित शाह