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Last Modified: रविवार, 3 अप्रैल 2022 (20:27 IST)

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- कश्मीरी पंडित जल्द घाटी लौट सकेंगे, आर्टिकल 370 हटाने से वापसी का रास्ता खुला

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- कश्मीरी पंडित जल्द घाटी लौट सकेंगे, आर्टिकल 370 हटाने से वापसी का रास्ता खुला - RSS chief Mohan Bhagwat said, Kashmiri Pandits will be able to return to the valley soon
जम्मू। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि कश्मीरी पंडित जल्द ही घाटी में अपने घरों को लौट सकेंगे। उन्होंने जोर दिया कि अनुकूल माहौल बनाने के लिए काम किया जा रहा है, ताकि वे फिर कभी विस्थापित न हों।

भागवत ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसने 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के पीछे की वास्तविकता के बारे में देशभर में और बाहर जनजागरूकता पैदा की है।

तीन दिवसीय ‘नवरेह’ उत्सव के अंतिम दिन कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कश्मीर घाटी में उनके घर को लौटने के संकल्प को पूरा करने का समय आ गया है।

भागवत ने अपने आधे घंटे से अधिक के भाषण में कहा, घाटी में लौटने के हमारे संकल्प को पूरा होने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे। यह बहुत जल्द साकार हो जाएगा और हमें इस दिशा में प्रयास जारी रखना होगा। हमारा इतिहास और हमारे महान नेता हम सभी के लिए मार्गदर्शक रहेंगे और प्रेरणा देंगे।

वर्ष 2011 में दिल्ली में कश्मीरी पंडितों के उत्सव ‘हेराथ’ (शिवरात्रि) में अपनी भागीदारी का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा कि समुदाय ने इस अवसर पर प्रतिज्ञा की थी कि वे अपनी मातृभमि पर लौटेंगे।

आरएसएस प्रमुख ने कहा, हर किसी के जीवन में चुनौतियां आती हैं...हम ऐसी स्थिति में हैं जहां तीन-चार दशक पहले हम अपने ही देश में विस्थापित हुए थे। समाधान क्या है? साथ ही, उन्होंने कहा, हम हार नहीं मानेंगे और अपने घरों को लौटकर अपनी प्रतिज्ञा को पूरा होते देखेंगे।

उन्होंने इसराइल का जिक्र किया और कहा कि यहूदियों ने अपनी मातृभूमि के लिए 1800 वर्षों तक संघर्ष किया। भागवत ने कहा, 1700 वर्षों में उनके द्वारा अपनी प्रतिज्ञा के लिए बहुत कुछ नहीं किया गया था, लेकिन पिछले 100 वर्षों में इसराइल के इतिहास ने इसे अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हुए देखा और दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बन गया।

उन्होंने कहा, हमें (कश्मीरी पंडितों) दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहना पड़ा है, इस तथ्य के बावजूद कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। हम कहीं भी रह सकते हैं, लेकिन हम अपनी मातृभूमि को नहीं भूल सकते।

भागवत ने कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म ने दुनिया के सामने कश्मीरी पंडितों की वास्तविकता को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने से पंडितों की कश्मीर घाटी में वापसी का रास्ता खुल गया।

उन्होंने कहा, ऐसा माहौल बनाने के लिए काम चल रहा है, जहां आप पहले की तरह अपने पड़ोसियों के साथ सुरक्षित महसूस करेंगे और शांति से रहेंगे और कोई भी आपको वहां से नहीं हटा पाएगा।(भाषा)
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