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Last Modified: सोमवार, 1 जुलाई 2024 (20:01 IST)

सड़क धंसी और 19 जगह गड्‍ढे, जानिए बदसूरत हुए रामपथ की असली कहानी

सड़क धंसी और 19 जगह गड्‍ढे, जानिए बदसूरत हुए रामपथ की असली कहानी - Road has caved in and there are potholes at 19 places, know real story of ugly Rampath
Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में हुई बारिश के कारण नवनिर्मित और खूबसूरत रामपथ बदसूरत नजर आने लगा। यह वही रामपथ है, जो राम मंदिर तक जाता है। दो दिन की बारिश में ही रामपथ के निर्माण में हुई लापरवाही और अनियमितता की पोल खुल गई। 13 किलोमीटर लंबे रामपथ मार्ग पर 19 जगह गड्‍ढे हो गए तथा कई जगह सड़क धंसने का मामले भी सामने आए। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि समय से पहले निर्माण पूरा करने के चलते रामपथ की यह दुर्गति हुई। 
 
सीएम योगी ने दी थी बार-बार चेतावनी : अयोध्या में हो रहे निर्माण कार्यों कि मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ स्वयं समय-समय पर कर रहे थे और अपनी बैठकों मे भी हमेशा निर्माण कार्यों कि गुणवत्ता के लिए सख्त निर्देश देते रहे हैं। 17 नवंबर 2023 की समीक्षा बैठक में तो मुख्यमंत्री योगी ने सड़क बनाने वाली कंपनी को कड़े दिशानिर्देश भी दिए थे। साथ ही कड़े शब्दों में चेतावनी भी देते हुए कहा था कि गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए अगर इसमें कोई गड़बड़ी मिली तो जवाबदेही तय होगी। संबंधित विभाग के मंत्रियों को भी निर्देश जारी किए गए थे कि समय-समय पर निर्माण कार्यों कि समीक्षा करते रहें। अगर सड़क खराब हुई तो निर्माण एजेंसी जिम्मेदार होगी। 
 
राम जन्मभूमि मंदिर को जाने वाले इन चारों मार्गों का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने 30 दिसंबर 2023 को किया था। आखिरकार सूबे के मुखिया योगी की कड़ी चेतावनी के बाद भी रामपथ मार्ग जो कि राष्ट्रीय स्तर का निर्माण कार्य था, उस पर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई कि केवल दो दिनों कि बारिश को रामपथ नहीं झेल सका। इस मार्ग पर 19 जगहों पर गड्‍ढे हो गए व कई जगह सड़क धंस गई। उसके बाद विभाग द्वारा आनन-फानन में लीपापोती कर बालू व गिट्टी डाली गई थी, जिसकी जबर्दस्त आलोचना हुई थी। अभी पूरी बरसात बाकी है। अयोध्यावासियों ने भी इस घटिया निर्माण कार्य का विरोध किया था। इससे शासन-प्रशासन की जबर्दस्त किरकिरी हुई थी। 
 
6 अधिकारी हुए निलंबित : सरकार के निर्देश पर प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग अजय चौहान ने कार्रवाई करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता ध्रुव अग्रवाल, सहायक अभियंता अनुज देसवाल व अवर अभियंता प्रभात पांडेय को तत्काल निलंबित कर दिया गया। साथ ही उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार मिश्रा ने भी कड़ी कार्यवाही करते हुए अयोध्या में तैनात अधिशाषी अभियंता आनंद कुमार दूबे, सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार यादव और अवर अभियंता मोहम्मद शहीद को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। कहा जा रहा है और भी अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। इस बीच, रामपथ मार्ग में हुए सभी गड्‍ढूों को जल निगम द्वारा भरवा दिया गया है और लोक निर्माण विभाग के समन्वय से मार्ग पर बने सीवर चैंबरों की निगरानी की जा रही है।
 
जांच कमेटी गठित : अयोध्या मंडल के मंडलायुक्त गौरव दयाल व जिले के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने रामपथ का निरीक्षण कर एक जांच कमेटी गठित कर दी है, जिसमें संबंधित विभाग के अधिकारी शामिल हैं। हालांकि इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि रामपथ का निर्माण कार्य करवा रही R&C निर्माण एजेंसी के खिलाफ अभी तक किसी भी प्रकार कि कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसने की 844 करोड़ की लागत से रामपथ का निर्माण कार्य कराया है। 
आखिर क्यों बदसूरत हुआ रामपथ : अयोध्या में 22 जून कि रात्रि को 102 मिलीमीटर बारिश हुई और 25 जून कि रात्रि 176 मिमी बारिश हुई थी। दो दिन की बारिश में ही रामपथ निर्माण की पोल खुल गई। रामपथ की खामियों को तकनीकी रूप से जानने के लिए लोकनिर्माण विभाग के कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि इसके कुछ कारण हैं। रामपथ मार्ग को समय से पूर्व निर्माण पूर्ण करके देने का सबसे बड़ा दबाव, जिसके चलते 13 किलोमीटर लंबे रामपथ मार्ग को तय समय से 4 माह पूर्व ही हैंडओवर करना था। इस कारण रामपथ की सभी लेयर पूरी तरह से सेट नहीं हो सकी थीं। बरसात का पानी जैसे ही सड़क के नीचे जाना शुरू हुआ, सड़क दबने लगी।

जानकारी के मुताबिक रामपथ निर्माण के लिए 485 दिनों का समय दिया गया था, किन्तु प्रेशर के चलते इस मार्ग को 140 दिनों पहले यानी 341 दिनों के बाद ही हैंडओवर कर दिया गया। जब जल्दबाजी मे कोई निर्माण कार्य होगा तो उसमे निश्चित रूप से खामिया रह ही जाएंगी। 
 
उन्होंने यह भी बताया की रामपथ के नीचे जो ड्रेनेज बनाया गया है, उसकी सफाई नहीं हो सकी, जिससे बरसात का पानी नहीं निकल सका। सड़क के नीचे सीवर लाइन का जो मैन होल है, उस जगह सड़क पर की ठीक प्रकार से रोलर नहीं चलाया गया,  जिससे पूरा दबाव नहीं हो सका। क्योंकि सड़क के नीचे पाइप बिछाया गया है, 12 से अधिक यूटिलिटी डक्ट हैं। यूटिलिटी डक्ट का मतलब होता है कि जिसे खोलकर उस जगह से पाइप डाली जाती है या फिर पाइप लाइन की रिपेरिंग की जाती है। इन सभी जगहों पर सही प्रकार से रोलिंग होना बहुत जरूरी होता है, जो कि संभवत: नहीं हो पाया। इससे बार-बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
 
क्यों नहीं मिला L&T को टेंडर : रामपथ के निर्माण का कार्य विश्व स्तरीय कंपनी L&T को नहीं दिया गया। रामपथ निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप मे निलंबित हुए अधिशाषी अभियंता ध्रुव अग्रवाल ने बताया कि L&T भी रामपथ निर्माण कार्य करने के इच्छुक थी किन्तु उसके निर्माण कार्य का बजट R&C निर्माण कम्पनी से 100 करोड़ अधिक था, जिस कारण से काम नहीं मिला। काम उसी को मिला जिसने कम कीमत का टेंडर भरा था।

सूत्रों की मानें तो रामपथ मार्ग का निर्माण करने वाली कंपनी को लापरवाही के कारण अयोध्या के तत्कालीन जिलाधिकारी ब्लैकलिस्ट करना चाहते थे, किन्तु उन्हें रोक दिया गया था। नियम के मुताबिक सड़क बनाने वाली कंपनी की गारंटी 5 वर्ष की होती है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala